Lucknow: यूपी में एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट का खुलासा करते हुए सहारनपुर से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपित दूसरे धर्म के युवकों को अपने करीब लाने के बाद हनी ट्रैप के जरिए जाल में फंसाकर धर्मांतरण करवाते थे. ये लोग काफी समय से इस गैरकानूनी काम में सक्रिय हैं. इनसे पूछताछ की जा रही है.
यूपी एटीएस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपितों की पहचान नाजिम हसन उर्फ राशिद निवासी खजूरहेड़ी, मो.सादिक निवासी मेघछप्पर और अजहर मलिक निवासी मोहम्मदपुर माफी,हसनपुर के रूप में हुई है.
एटीएस को इस सिंडिकेट की काफी समय से सूचना मिल रही थी. इसके बाद टीम इस काम में शामिल लोगों की धरपकड़ के लिए जुटी थी. इस बीच टीम को सूचना मिली कि सहारनपुर के रहने वाले कुछ लोगों का गिरोह दूसरे धर्म के लोगों को अपने जाल में फंसा कर धर्मांतरण की गतिविधि को अंजाम देने में जुटा है.
इस इनपुट के बाद एटीएस ने तीनों आरोपितों की गतिविधियों पर नजर रखना शुरू किया. टीम ने इंटरनेट मीडिया पर धर्मांतरण को लेकर गिरोह की अपलोड सामग्री को खंगाला तो राज खुल गया.
एटीएस के मुताबिक राशिद लोगों को दवा देने और विभिन्न बीमारियों का इलाज करने के बहाने उनके घर में मेलजोल बढ़ाता था. इसी सिलसिले में उसने सहारनपुर के नवीन नगर निवासी सोमदत्त के घर में भी इलाज के बहाने अपनी जान पहचान बढ़ाई. इसके बाद उनके बेटे गौरव को अपने जाल में फंसा लिया.
बताया जा रहा है कि गौरव को बहला फुसलाकर और जहन्नुम का भय दिखाकर दूसरे धर्म की इबादत पद्धति से जोड़ा गया. इसके साथ ही लालच दिया कि विशेष धर्म कबूलने के बाद उसे नौकरी मिल जाएगी. इसी बीच इनके इशारे पर कर्नाटक के बेंगलूरू की रहने वाली रेशमा ने गौरव के साथ नजदीकियां बढ़ा लीं और निकाह करने के लिए उसका धर्मांतरण करवा दिया.
इस अवैध काम में मो.सादिक और अजहर की भी अहम भूमिका रही. दोनों धर्मांतरण के इस खेल में शामिल रहे. एटीएस के मुताबिक तीनों गिरफ्तार आरोपितों ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है. वहीं रेशमा की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.