UP News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी की केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भाजपा ने हर बार खेती-किसानी को निशाना बनाया और हर बार हार ही मिली.
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, पहले भूमि-अधिग्रहण बिल फिर कृषि कानून, दोनों बार भाजपा को जनशक्ति से हार माननी पड़ी. कृषि क़ानून ‘लाते’ समय किसानों से मंत्रणा नहीं की तो कम से कम ‘लौटाते’ समय तो कर लेते, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की लाज रह जाती.
भाजपा ने हर बार खेती-किसानी को निशाना बनाया। पहले भूमि-अधिग्रहण बिल फिर कृषि क़ानून, दोनों बार भाजपा को जनशक्ति से हार माननी पड़ी।
कृषि क़ानून ‘लाते’ समय किसानों से मंत्रणा नहीं की तो कम से कम ‘लौटाते’ समय तो कर लेते, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की लाज रह जाती। #भाजपा_ख़त्म
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 29, 2021
इससे पहले सपा सुप्रीमो ने यूपीटीईटी पेपर लीक होने पर भी बीजेपी सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने ट्वीट कर कहा, UPTET 2021 की परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से रद्द होना बीसों लाख बेरोज़गार अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. भाजपा सरकार में पेपर लीक होना, परीक्षा व परिणाम रद्द होना आम बात है. उप्र शैक्षिक भ्रष्टाचार के चरम पर है.
अखिलेश यादव के अलावा, मायावती ने भी ट्वीट कर कृषि कानूनों की वापसी को लोकतंत्र की वास्तविक जीत बताया. मायावती ने कहा, देश में किसानों के एक वर्ष के तीव्र आन्दोलन के फलस्वरूप तीन अति-विवादित कृषि कानूनों की आज संसद के दोनों सदनों में वापसी किसानों को थोड़ी राहत के साथ ही यह देश के लोकतंत्र की वास्तविक जीत है. यह सबक है सभी सरकारों के लिए कि वे सदन के भीतर व बाहर लोकतांत्रिक आचरण करें.
मायावती ने कहा, देश के किसानों की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के क्रम में खासकर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारण्टी सुनिश्चित करने की मांग पर केन्द्र की चुप्पी अभी भी बरकरार है. केन्द्र द्वारा इस पर भी सकारात्मक पहल की जरूरत है ताकि किसान खुशी-खुशी अपने घर लौट सकें.
Posted By: Achyut Kumar