13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP News : पूर्वांचल- बुन्देलखण्ड का विकास बनेगा यूपी की जीएसडीपी का बूस्टर डोज, CM का 35 जिलों पर खास फोकस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पूर्वांचल विकास समिति और बुंदेलखंड विकास समिति की स्थापना के अलावा, राज्य सरकार ने दोनों क्षेत्रों के विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार पांच वर्षों (2022-2027) में जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद)के आकार को एक ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने के प्रयासों के साथ ही राज्य के पिछड़े क्षेत्र पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पूर्वांचल विकास समिति और बुंदेलखंड विकास समिति की स्थापना के अलावा, राज्य सरकार ने दोनों क्षेत्रों के विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं. कुशीनगर में एक नया कृषि विश्वविद्यालय, गोरखपुर में एक नई टाउनशिप, वाराणसी में एक कौशल विकास विश्वविद्यालय, वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास सहित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं. इसमें भव्य मां विंध्यवासिनी कॉरिडोर के विकास के अलावा कुशीनगर और अयोध्या में नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे कुछ प्रमुख पहल हैं.दूसरी ओर, बुन्देलखण्ड में डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना, ललितपुर में फार्मा पार्क, झांसी औद्योगिक विकास प्राधिकरण की स्थापना और बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए कई अन्य विकास पहल की गई हैं.

‘ स्वस्थ पूर्वांचल एक पहल ‘ के आने लगे परिणाम

मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी राजू एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए कहते हैं, “ राज्य सरकार पूर्वांचल (पूर्वी यूपी के 28 जिलों को मिलाकर) और बुंदेलखंड (यूपी के बुंदेलखंड के सात जिलों को मिलाकर) क्षेत्रों के विकास के लिए रणनीतियों पर काम कर रही है. इसकी शुरुआत 27 से 29 नवंबर, 2020 तक पूर्वांचल विकास (मुद्दे, रणनीति और आगे की राह) पर आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार से हुई. 10 और 11 जनवरी, 2020 को बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया था. हमने स्पष्ट रूप से दो क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, उन्होंने कहा, “हाल ही में राज्य सरकार ने राज्य के समग्र विकास और क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने के लिए सख्ती से काम किया है.”राजू ने कहा कि एम्स गोरखपुर के नेतृत्व में 28 जिलों के सभी 28 मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को एक साथ लाया गया था और पूर्वांचल क्षेत्र में स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार लाने के लिए ‘स्वस्थ पूर्वांचल एक पहल’ नामक एक पहल शुरू की गई थी. सचिव, योजना आलोक कुमार कहते हैं “ पूर्वाचल और बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विकास की अपार सम्भावनाएं हैं. राज्य सरकार ने जीएसडीपी के आकार को एक ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने की कवायद के तहत दोनों क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. आलोक जीएसडीपी का आकार ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के नोडल अधिकारी हैं.

Also Read: बेसिक टीचर्स तबादला नीति के विरोध में लामबंद हो रहे शिक्षक, कोई कोर्ट गया, किसी ने CM तक पहुंचाई शिकायत
बुंदेलखंड में डिस्पेंसरियों में बिस्तरों की संख्या बढ़ी

अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग के 2019 के आंकड़े बताते हैं कि बुंदेलखंड में प्रति लाख जनसंख्या (डिस्पेंसरियों सहित) एलोपैथिक अस्पतालों- डिस्पेंसरियों में बिस्तरों की संख्या 2011-12 में 54.41 से बढ़कर 2018-2019 में 59.67 हो गई है. इसी अवधि में पूर्वांचल क्षेत्र में यह संख्या 41.80 से बढ़कर 45.89 हो गयी है. दोनों क्षेत्रों में यह संख्या राज्य के औसत क्रमशः 41.53 और 45.70 से अधिक है. दूसरी ओर, बुंदेलखंड में प्रति लाख जनसंख्या पर पीएचसी की कुल संख्या 2011-12 में 3.10 से घटकर 2018-2019 में 2.42 हो गई. पूर्वी यूपी में इसी अवधि में यह संख्या घटकर 2.42 से 1.70 पर आ गयी. हालांकि, यह राज्य के औसत 2.22 से अधिक है जो इसी अवधि के दौरान घटकर 1.61 हो गया. बुन्देलखण्ड में औसत साक्षरता दर 2001 में 59.30 से बढ़कर 2011 में 69.26 और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 54.27 से बढ़कर 67.40 हो गयी है. 2001 में राज्य का औसत 56.27 था और 2011 में बढ़कर 67.88 हो गया.

निवेश को जल्दी से जमीन पर लाने की चुनौती : प्रो यशवीर त्यागी

राज्य सरकार ने इस साल की शुरुआत में 10 से 12 फरवरी, 2023 तक आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड क्षेत्रों में निवेश लाने पर ध्यान केंद्रित किया था. राज्य को कुल प्राप्त ₹33.50 लाख करोड़ के कुल निवेश में से, राज्य सरकार ने दो सबसे पिछड़े क्षेत्रों, पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए क्रमशः ₹9.54 लाख करोड़ और ₹4.27 लाख करोड़ प्राप्त करने का दावा किया है. लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व प्रमुख प्रोफेसर यशवीर त्यागी कहते हैं इसमें महत्वपूर्ण क्षेत्रीय असमानताएं हैं . इनमें सुधार करने की आवश्यकता है ताकि विकास का एक संतुलित पैटर्न सुनिश्चित किया जा सके. एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी इस तरह हासिल किया जाना चाहिए ताकि पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे अपेक्षाकृत पिछड़े क्षेत्रों में आय सृजन तेजी से हो. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में प्राप्त कुल निवेश प्रस्तावों में से लगभग 28% निवेश पूर्वांचल के लिए और लगभग 12% निवेश बुन्देलखण्ड के लिए है लेकिन चुनौती इस निवेश को जल्दी से जमीन पर लाने की है.” वह विकास से बदलाव की पूरी उम्मीद रखते हैं.

Also Read: शिक्षकों को देख DG पहले तो गुस्साए फिर फटकारा,अंत में समस्या दूर करने का आश्वासन, फर्जी वालों की लिस्ट वायरल

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें