लखनऊ: यूपी में मौसम का सटीक पूर्वानुमान लग सकेगा. शनिवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने उत्तर प्रदेश में लगाये जा रहे 200 ऑटोमैटिक रेनगेज व 450 ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन का शुभारंभ किया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि ये स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS) व (ARG) से मौसम की रियल टाइम जानकारी के साथ ही प्रारंभिक चेतावनी देने, आपदा पूर्व तैयारियों को भी बेहतर बनाने मे उपयोगी होंगे. जिससे आपदा प्रतिक्रिया को प्रभावी बनाया जा सकेगा. ये स्टेशन सीधे तौर पर बाढ़, गर्मी/लू, शीत लहर, सूखा, आंधी, तूफान, भारी वर्षा के प्रबंधन में लाभकारी होंगे.
मुख्य सचिव ने बताया कि बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में मौसम विभाग के पास 69 स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS) और स्वचालित यंत्र उपलब्ध हैं, जोकि प्रदेश की आपदा संवेदनशीलता को देखते हुये अपर्याप्त हैं. इसको देखते हुए राहत आयुक्त कार्यालय, राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में मौसम संबंधी ऑब्जर्वेशन प्रणालियों की परियोजना शुरू की है. इस परियोजना के अंतर्गत राज्य में प्रत्येक तहसील में 01 व शहरी क्षेत्रों में सघन रूप से कुल 450 स्वचालित मौसम स्टेशनों (AWS) और प्रत्येक ब्लॉक में न्यूनतम 02-02 कुल 2000 स्वचालित रेन गेज स्टेशनों का एक नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है. जिससे मौसम संबंधी डाटा का बिना किसी मानवीय हस्तस्क्षेप के सीधे प्रसारण किया जा सके.
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ये स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS) व स्वचालित वर्षामापी स्टेशन (ए0आर0जी0) मौसम संबंधी और पर्यावरण निगरानी के लिए रियल-टाइम और एडब्ल्यूएस तापमान, आर्द्रता, वायुमंडलीय दबाव, वर्षा, हवा की गति और हवा की दिशा जैसे सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए वायुमंडलीय मापदंडों को मापने के लिए सेंसर से लैस हैं. सभी एडब्लूएस पर डेटा लॉगर्स को 15 मिनट (या जो समयांतराल निर्धारित किया जाये) के अंतराल पर इंटरफेस सेंसर का उपयोग करके मौसम संबंधी मापदंडों का माप लेने के लिए पूर्व-प्रोग्राम किया गया है. इस मौसम संबंधी डाटा को जीपीआरएस मॉडम के माध्यम से राहत आयुक्त कार्यालय में स्थित सर्वर पर तथा मौसम विभाग को भी प्रेषित किया जाता है.
स्वचालित मौसम स्टेशनों व रेनगेज से प्राप्त डाटा का उपयोग आपदा प्रबंधन, आपदा पूर्व तैयारी, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु अनुसंधान, सूखा प्रबंधन और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जायेगा. इन स्टेशनों से मौसम के ट्रेंड के बारे में और जलवायु परिवर्तन के बारे में हमारी समझ बढे़गी. मौसम की चरम (Extreme Weather Events) घटनाओं का शीघ्र पता लगाने और निगरानी में मदद मिलेगी.
राहत आयुक्त कार्यालय इस डाटा को सभी जिलाधिकारियों, स्थानीय कर्मियों तथा आम जनमानस सहित अन्य स्टेकहोल्डर्स भेजा जाएगा. जिससे आपदाओं से निपटने के लिये पूर्व तैयारियां सुनिश्चित की जा सकें. इस मौके पर अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, प्रमुख स्टॉफ अफसर मुख्य सचिव अमृता सोनी, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, एमडी यूपीपीसीएल पकंज कुमार, राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार मौजूद थे.