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शिवसेना नेता संजय राउत के घर ईडी की छापेमारी जारी, चॉल भूमि घोटाला मामले में कार्रवाई

रविवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी संजय राउत के आवास पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में कार्रवाई की जा रही है. संजय राउत को ईडी गिरफ्तार कर सकती है.

मुंबई : महाराष्‍ट्र में सरकार गिरने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत की मुश्‍किलें बढ़ती जा रहीं हैं. पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में नाम आने के बाद रविवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी संजय राउत के आवास पहुंचे हैं. इस संबंध में न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट किया है. बताया जा रहा है कि संजय राउत को हिरासत में लेकर ईडी पूछताछ कर सकती है. उनपर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप है. ईडी की छापेमारी अभी जारी है.

ईडी के द्वारा की जा रही कार्रवाई के बीच शिवसेना संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आयी है. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि महाराष्‍ट्र और शिवसेना की ये जंग जारी रहेगी. मैं शिवसेना छोड़ने वाला नहीं हूं.


संजय राउत हो सकते हैं गिरफ्तार

बताया जा रहा है कि संजय राउत को ईडी गिरफ्तार कर सकती है. उन्हें पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर ले जाया जा सकता है. यहां चर्चा कर दें कि संजय राउत 1034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल घोटाले में जांच के दायरे में हैं. उन पर जांच में सहयोग न करने का आरोप जाचं एजेंसी ने लगाया है. रविवार सुबह ईडी की एक टीम मुंबई के भांडुप स्थित घर पहुंची है.


संजय राउत को किया गया था समन जारी

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवसेना के सांसद संजय राउत को ताजा समन जारी कर उनसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए 27 जुलाई को पेश होने को कहा था. सूत्रों ने बताया कि राउत संसद सत्र का हवाला देकर केन्द्रीय एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए. राज्यसभा सदस्य के वकील मुंबई में ईडी के अधिकारियों से मिले और लिखित अनुरोध देकर राउत के लिए अगस्त के पहले सप्ताह में पेशी का अनुरोध किया.

एक जुलाई को हुई थी पूछताछ

शिवसेना नेता ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और आरोप लगाया है कि राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. राउत महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विश्वासपात्र हैं. गौरतलब है कि पिछले महीने शिवसेना में बगावत के कारण ठाकरे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था. ईडी ने राउत से एक जुलाई को लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की थी.

गिर गयी थी उद्धव सरकार

यहां चर्चा कर दें कि महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर राजनीतिक उठा पटक के बाद सत्ता में आयी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को शनिवार को एक महीना पूरा हो गया. शिंदे की अगुवाई में कई विधायकों के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के 10 दिन बाद राज्य में नयी सरकार का गठन हुआ था. शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस वक्‍त उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्‍तीफा दे दिया था. इसके बाद प्रदेश में नयी सरकार बनी थी.

भाषा इनपुट के साथ

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