विपक्षी एकता को लेकर सांसद संजय राउत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने उद्धव ठाकरे को लेकर कहा है कि उन्होंने कहा है कि अगर 2024 में सत्ता परिवर्तन नहीं होगा, तो यह आखिरी चुनाव होगा, इसलिए लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट रहना होगा और चुनाव लड़ना होगा. गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने कल यानी शुक्रवार को पटना में बड़ी बैठक की थी. इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता पर जोर दिया गया था. शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे भी बैठक में शामिल हुए थे.
क्या बोले उद्धव ठाकरे
अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को पटना में विपक्षी दलों ने बैठक की थी. इस बैठक में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी पहुंचे थे. अपने भाषण में उद्धव ने कहा था कि अभी नहीं तो कभी नहीं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो देश को हुकुमशाही की ओर लेकर जा रहे हैं. विपक्षी दलों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा था कि अगर 2024 में सत्ता परिवर्तन नहीं होगा, तो यह आखिरी चुनाव होगा.
विपक्षी दलों ने की थी बैठक
गौरतलब है कि शुक्रवार को पटना में बीजेपी के खिलाफ देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में एकजुट होने को लेकर बैठक की थी. इस बैठक में विपक्षी दलों ने बीजेपी को चुनौती देने का संकल्प लिया है. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि विपक्ष बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में साझा उम्मीदवार खड़े करेंगी. बैठक में तय किया गया कि इसके बाद हिमाचल प्रदेश के शिमला में 10 से 12 जुलाई के बीच फिर बैठक होगी. उस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी.
तीन बातों पर बनी सहमति
पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में तीन बिंदुओं पर सहमति बनी है. इन तीन बातों में सबसे पहला है कि सभी विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ एक साथ हैं. दूसरी, 2024 लोकसभा चुनाव में साझा प्रत्याशी देंगे और अंत में इस पर सहमति बनी कि बीजेपी के किसी भी एजेंडे का मिलकर विरोध किया जाएगा. बता दें, विपक्षी दलों की बैठक में 15 अलग अलग राजनीतिक दलों के 30 नेता शामिल हुए थे.
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सभी ने अपनी अपनी बातें रखीं. बैठक में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, कांग्रेस के राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, एनसीपी के शरद पवार, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, भाकपा के डी राजा, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा माले के दीपंकर भट्टाचार्य और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने संबोधित किया.