शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( Nationalist Congress Party) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आ गया. शरद पवार के इस फैसले से एनसीपी में हलचल मच गयी. उन्हें फैसला बदले के लिए मनाया जा रहा है. उन्हें मनाने की कोशिश में कई एनसीपी कार्यकर्ता रो पड़े. शरद पवार ने इसका संकेत दो दिनों पहले ही दे दिया था.
क्या मजबूरी में शरद पवार ने इस्तीफे का लिया फैसला?
अपने जीवन से जुड़ी एक किताब के विमोचन के मौके पर शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे का जैसे ही ऐलान किया, वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ता हैरान रह गये. लेकिन पवार अपने इसी तेवर के लिए जाने जाते हैं. उनके बयान महाराष्ट्र की राजनीति में काफी मायने रखते हैं. हालांकि मीडिया जगह में ये भी खबर चल रही है कि कुछ दिनों से एनसीपी में शरद पवार का पावर कम हुआ है और अजित पवार का दबदबा बढ़ा है. इस बात से शरद पवार भी नाखुश हैं. उन्होंने दो दिनों पहले ही अपने इस्तीफे के बारे में संकेत दे दिये थे. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि भाखरी को पलट देना चाहिए. इसे पलटने में देरी नहीं करना चाहिए. इसका समय आ गया है. पवार की इस टिप्पणी को एनसीपी में बड़े बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा था. अजित पवार की बात करें, तो वह एनसीपी के लिए पहले भी मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं. 2019 में उन्होंने पार्टी से बगावत कर ली थी और देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार बनाने की कोशिश की थी. हाल के दिनों में भी अजित पवार के पार्टी से बगावत की खबरें आयी थीं.
"We're not ready to accept your decision of resigning from the post of NCP president. We want you to reconsider your decision," said NCP leaders including Chhagan Bhujbal, Jitendra Awhad and Dilip Walse Patil#SharadPawar pic.twitter.com/PQVwicJMc6
— ANI (@ANI) May 2, 2023
शरद पवार ने लगाया मास्टर स्ट्रोक
ऐसा भी माना जा रहा है कि शरद पवार ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर मास्टर स्ट्रोक खेला है. कुछ दिनों पहले खबर आयी थी कि अजित पवार अपने कुछ समर्थक विधायकों के साथ एनसीपी से बगावत कर सकते हैं और बीजेपी के साथ हाथ मिला सकते हैं. इस खबर पर शरद पवार का भी बयान आया था और कहा था कि यह फैसला व्यक्तिगत हो सकता है, लेकिन एनसीपी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी. अजित पवार के बगावत की खबर के बाद ये भी कहा जाने लगा था कि एनसीपी कमजोर हो चुकी है. लेकिन शरद पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा कर एक बार फिर से पार्टी में जान फूंक दी है. समर्थक लगातार उनसे फैसला बदले की मांग कर रहे हैं. कई समर्थक तो उनके सामने रो रहे हैं. प्रफुल्ल पटेल ने कहा, इस्तीफे पर शरद पवार को विचार करना चाहिए. पवार जो चाहेंगे वही होगा. पार्टी में जो बदलाव करना चाहते हैं, शरद पवार कर सकते हैं. वहीं जयंत पाटील ने कहा, पवार को सीधे इस्तीफा नहीं देना चाहिए. पवार के बीना जनता के बीच हम कैसे जायेंगे. अजित पवार ने भी कहा, शरद पवार के फैसले पर विचार किया जाएगा. इस्तीफे का फैसला सही नहीं है. कहा जा रहा है शरद पवार के इस फैसले से एक बार फिर से पार्टी में एकजुटता आयी है.