कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी आज केंद्रीय मंत्री सिंधिया के गढ़ यानी ग्वालियर जिले के दौरे पर हैं. यहां जन आक्रोश रैली को संबोधित कर रही हैं. बता दें, शुक्रवार को प्रियंका गांधी ग्वालियर एयरपोर्ट से सीधे वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पहुंचीं. प्रियंका गांधी ने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर, उन्हें नमन किया. इसके बाद प्रियंका गांधी सीधे जन आक्रोश रैली को संबोधित करने पहुंच गई. बता दें. प्रियंका गांधी की पिछले 40 दिन में मध्य प्रदेश की यह दूसरी यात्रा है. प्रदेश में इस साल की अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों के नेताओं का यहां आना जारी है.
#WATCH मध्य प्रदेश: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ग्वालियर में झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। pic.twitter.com/KLBfaObv8f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 21, 2023
Madhya Pradesh: ग्वालियर में अपने जन आक्रोश रैली में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने लोगों का स्थानीय भाषा में अभिवादन किया. प्रियंका गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी दादी स्वर्गीय इंदिरा गांधी से रानी लक्ष्मीबाई और महिलाओं की बहादुरी की कई कहानियां सुनी हैं. प्रियंका ने आज की राजनीतिक हालात का जिक्र करते हुए कहा कि आज की राजनीति सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में फंस कर रह गई है.
मणिपुर घटना को लेकर सरकार पर निशाना
रैली में बोलते हुए प्रियंका गांधी ने मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. प्रियंका गांधी ने कहा कि मणिपुर दो महीनों से जल रहा है. डर के कारण लोग घरों ने निकल नहीं रहे. एक दूसरे के घरों में लोग आग लगा रहे हैं. महिलाओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इतना होने के बाद भी पीएम मोदी चुप हैं. प्रियंका ने कहा कि पीएम मोदी ने दो महीनों से इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है.
इसी साल मध्य प्रदेश में होने हैं चुनाव
गौरतलब है कि इससे पहले प्रियंका ने 12 जून को जबलपुर में एक रैली को संबोधित कर प्रदेश में अपनी पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. उन्होंने जबलपुर में कहा था कि अगर कांग्रेस प्रदेश में सत्ता में आती है तो वह पांच योजनाएं लागू करेगी जिनमें महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये की आर्थिक सहायता, 100 यूनिट मुफ्त बिजली और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली शामिल हैं. गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव यानी साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई थी. पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ली थी. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कई कांग्रेस विधायकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर गयी थी.
सिंधिया ने की थी कांग्रेस से बगावत
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार से नाराज से चल रहे विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में सामूहिक इस्तीफा दे दिया था. इन विधायकों में ग्वालियर संभाग के 9 विधायक शामिल थे. इन विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. विधायकों ने इस्तीफे दिए तो नवंबर 2020 में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव कराये गये.
इस बार किन मुद्दों के साथ उतरेगी कांग्रेस
कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में जीत से उत्साहित कांग्रेस मध्य प्रदेश में जी जान से जीत की कवायद में लगी है. कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में भ्रष्टाचार, महंगाई और राज्य पर बढ़ते कर्ज समेत अन्य मुद्दे जोर-शोर से उठाएगी. इसके अलावा कांग्रेस कर्नाटक की तर्ज पर पांच गारंटी योजना को भी चुनाव में पेश कर सकती है.