मुजफ्फरपुर: भारत सरकार ने विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन किया है. इस बारे में विद्युत मंत्रालय ने एक अधिसूचना 14 जून को जारी की है. सभी प्रकार के स्मार्ट मीटरों की दिन में कम से कम एक बार दूरस्थ रीडिंग की जायेगी और अन्य प्री-पेमेंट मीटरों की किसी वितरण लाइसेंसधारी के ऑथराइज्ड रिप्रेजेंटेटिव की ओर से हर तीन महीने में कम से कम एक बार रीडिंग की जायेगी. बिजली खपत संबंधी डेटा को वेबसाइट या मोबाइल एप्लीकेशन या शॉर्ट मैसेज सर्विस और इसी तरह की सर्विस आदि के माध्यम से उपभोक्ता को उपलब्ध कराया जायेगा. स्मार्ट प्री-पेमेंट मीटर रखने वाले उपभोक्ताओं को उनकी ओर से की गई खपत और दैनिक आधार पर कम से कम बैलेंस अमाउंट की जांच करने के लिए डेटा एक्सेस प्रदान किया जा सकता है.
स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उसकी तिथि से पहले की अवधि के लिए स्मार्ट मीटर से दर्ज की गयी अधिकतम मांग के आधार पर उपभोक्ता पर कोई पेनाल्टी नहीं लगायी जायेगी. अगर स्मार्ट मीटर से रिकॉर्ड की गयी अधिकतम मांग एक महीने में स्वीकृत भार से ज्यादा हो जाती है तो उस बिलिंग चक्र के लिए बिल की गणना वास्तविक रिकॉर्ड की गयी अधिकतम मांग के आधार पर की जायेगी. उपभोक्ता को शॉर्ट मैसेज सर्विस या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से गणना में इस परिवर्तन के बारे में सूचित किया जायेगा. ऊर्जा विभाग की ओर जारी बिजली गजट में कई अन्य महत्वपूर्ण मसले पर दिशा निर्देश जारी किया है.
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दस किलोवाट से ज्यादा अधिकतम मांग वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए टाइम ऑफ डे टैरिफ पहली अप्रैल, 2024 से पहले की तारीख से प्रभावी होगा़ कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य उपभोक्ताओं के लिए टाइम और डे टैरिफ पहली अप्रैल, 2025 से पहले प्रभावी बनाया जायेगा और यह टाइम ऑफ डे टैरिफ स्मार्ट मीटरों वाले उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटरों को लगाने के ठीक बाद प्रभावी हो जायेगा. दिन की व्यस्ततम अवधि के दौरान वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए राज्य आयोग की ओर से स्पेसिफाइड टाइम ऑफ डे टैरिफ, सामान्य टैरिफ के 1.20 गुना से कम नहीं होगा और अन्य उपभोक्ताओं के लिए यह सामान्य टैरिफ के 1.10 गुना से कम नहीं होगा, लेकिन राज्य आयोग की ओर से स्पेसिफिक दिन के सौर घंटों के लिए टैरिफ उस श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए सामान्य टैरिफ से कम से कम 20 फीसदी कम होगा.