बिहार: मुजफ्फरपुर में ग्राहकों तक स्वच्छ और ताजी मछली पहुंचाने के लिये जिले के विक्रेताओं को फिश मार्केटिंग कीट उपलब्ध कराया जायेगा. मुख्यमंत्री मत्स्य विपणन योजना से जुड़े इस कीट के लिए विक्रेताओं का रुझान बेहतर है. जिला मत्स्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र से अभी तक 158 मछली विक्रेताओं ने कीट के लिये आवेदन किया है. जिन्हें सब्सिडी पर कीट उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है. शहर से लेकर गांव तक सड़क किनारे, चौक-चौराहों, बाजार या हाट में मछली विक्रेता इसके लिए आवेदन कर सकते है. मत्स्य विभाग के अनुसार 30 जून तक आवेदन के लिए अंतिम तिथि रखी गयी है. इस योजना का फायदा मछली खाने वालों को मिलेगा. इस योजना के तहत पूरी तरह से ग्राहकों को हाइजेनिक मछली उपलब्ध कराया जायेगा. जिसे खाना सेहतदमंद रहेगा. जिला मत्स्य पदाधिकारी डॉ. नूतन ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा विक्रेता इस योजना का लाभ उठा सके, इसके लिये प्रखंड स्तर पर विभाग के कर्मी योजना के बारे में जानकारी दे रहे है. अब तक डेढ़ सौ से अधिक आवेदन हो चुक है.
आइस बॉक्स
धूप व बारिश से बचने के लिये छतरी
स्टेनलेस स्टील कटर
स्टील स्क्रबर
तराजू बटखारा
तारपोलिन शीट
प्लास्टिक बाल्टी मग
प्लास्टिक टब
एरेटर मशीन
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योजना के तहत मत्स्य विपणन कीट पर विभाग की ओर से 70 फीसदी अनुदान का प्रावधान है. हालांकि विपणन कीट की शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के खुदरा विक्रेताओं के लिए लागत मूल्य अलग-अलग है. विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र के लिए 25 हजार रुपये, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के लिये 19 हजार कीट का लागत मूल्य है. इस लागत मूल्य पर विक्रेताओं को 70 फीसदी अनुदान दिया जायेगा.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य जिला स्तर पर फिश मार्केट को जरूरी आधार भूत संरचना के साथ स्वच्छ रूप देना है. इसके साथ ही छोटे और असंगठित मछली व्यवसायियों को हाइजेनिक कीट देकर ग्राहकों तक स्वच्छता के साथ ताजी मछली उपलब्ध कराना है. जिसमें रोजगार के अवसर के साथ-साथ मत्स्य कृषक और मत्स्य व्यवसायियों की आमदनी में वृद्धि हो सके.