मुजफ्फरपुर: शाही लीची के मिठास को देश के कोने-कोने तक फैलाने की तैयारी हो रही है. अब मुजफ्फरपुर के शाही लीची का निर्यात पूरे देश में किया जाएगा. परिवहन से जुड़े संसाधनों के अभाव के कारण प्रत्येक वर्ष मुजफ्फरपुर की लीची देश के कोने-कोने तक नहीं पहुंच पाती है. उचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से लीची निर्यात की मात्रा कम है. हालांकि इस मामले में अब नीति आयोग की ओर से पहल की जायेगी. ताकि जिले की फ्रेश लीची का बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट हो सके. बुधवार को नीति आयोग की ओर से लीची निर्यात के अवसरों को बढ़ाने के संबंध में गूगल मीट का आयोजन किया गया.
इसमें राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक व बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह जुड़े थे. इसके अलावा समस्तीपुर सहित अन्य जिलों से भी लीची के बड़े किसान मीट में शामिल हुए. नीति आयोग के अधिकारियों की ओर से लीची के एक्सपोर्ट में कहा दिक्कतें आ रही हैं, इस संबंध में सवाल किया गया. इस पर किसान और उत्पादक संघ की ओर से बताया गया कि लीची टूटने के बाद इसके रख-रखाव व परिवहन की स्पेशल व्यवस्था नहीं है. इस वजह से लीची के खराब होने की अधिक संभावना बनी रहती है. किसानों ने यह भी बताया कि लीची का सीजन आने के समय ही विभाग या प्रशासनिक स्तर पर समस्याओं को लेकर बात होती है, लेकिन सीजन खत्म होते ही मामला ठंडा पड़ जाता है. जबकि लीची की ढुलाई से लेकर प्री-कूलिंग की व्यवस्था के लिए पहले से तैयारी करने की जरूरत है.
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किसानों ने यह भी बताया कि दरभंगा से अन्य महानगरों के लिए प्रतिदिन फ्लाइट की संख्या कम है. लीची के लिए 15 टन क्षमता वाले विशेष विमान के लिए संघ की ओर से निजी विमान कंपनियों से बात की गयी थी. इसमें कंपनी की ओर से अधिक किराया की मांग के कारण बात आगे नहीं बढ़ सकी. इस पर नीति आयोग के अधिकारियों ने बताया कि वे खुद राज्य व केंद्र सरकार के साथ विमान कंपनियों के समक्ष मुद्दा को रखते हुए समाधान निकालेंगे. इसाथ ही नीति आयोग से जुड़े एक अधिकारी इस मामले की लगातार मॉनीटरिंग करने के साथ व्यवस्थाओं को लेकर एक योजना तैयार करेंगे.