मुजफ्फरपुर: स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद अधिक पैसे कटने को लेकर रोज बिजली कंपनी के सब डिविजन कार्यालय में सैकड़ों उपभोक्ताओं की भीड़ उमड़ रही है. वहीं कनीय अभियंता व सहायक अभियंताओं को फोन पर लोग शिकायत कर रहे हैं. सबसे अधिक शिकायत अचानक से अधिक पैसे कटने, दूसरी शिकायत रिचार्ज पर पैसे फंसने और तीसरी शिकायत है कि माइनस में थोड़ा पैसा जाते ही बिजली कट जाती है. सरैयागंज कार्यालय में दीवान रोड से पहुंची महिला उपभोक्ता ने कहा कि उनके पति व बेटे बाहर हैं. घर में काम चल रहा है. सुबह में अचानक बिजली कट गयी. बीते सात दिनों में करीब दो हजार रुपये रिचार्ज राशि से कट गये. मिस्त्री लाइन को लेकर इंतजार कर रहे हैं. नीचे रिचार्ज करने गये तो काउंटर पर लंच था, तो उन्हें और इंतजार करने को कहा जा रहा है.
वहीं, दूसरी महिला उपभोक्ता गोला से आयी थी, उनके पति बाहर रहते हैं और यहां वह अपने सास-ससुर के साथ रहती है. वह दफ्तर आने में असमर्थ थे ऐसे में वह अब तक तीन बार दफ्तर का चक्कर लगा चुकी है. 12 से 13 दिनों रोज करीब चार सौ कट रहे हैं, पूछने पर बताया गया कि डिफरमेंट राशि है, आखिर यह डिफरमेंट राशि क्या है. पहले एक हजार का बिल आता था, अब अचानक से ढाई से तीन हजार रुपये का आयेगा, तो क्या करें. एक बार में कंपनी बताये कि इतना पैसा जमा कर दीजिए. इधर बुधवार को अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश ने माड़ीपुर व सरैयागंज ऑफिस का निरीक्षण किया. उन्होंने सभी सहायक व कनीय अभियंता को निर्देश दिया कि जो भी उपभोक्ता शिकायत लेकर आते हैं, उनकी समस्याओं को सुनकर उसके समाधान बताये.
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सरल शब्दों में यह डिफरेंस राशि है, जो आपके पुराने पोस्ट पेड मीटर से प्री पेड मीटर लगने के बीच में जो बिजली खपत हुई उसकी राशि है. इसमें लोड फैक्टर की राशि व जुर्माना होता है. उदाहरण के तौर पर लोड एक किलोवाट का और खपत दो किलोवाट तक है, तो इसमें सामान्य उपभोक्ता को एक किलोवाट का 80 रुपये प्लस एक किलोवाट अधिक खपत का 160 रुपये जुड़ेगा. साथ ही लोड बढ़ने पर उसकी सिक्योरिटी मनी सामान्य शहरी कनेक्शन का प्रति किलोवाट सिक्योरिटी 875 रुपये और कॉमर्शियल का 1300 रुपये प्रति किलोवाट है. इसके अलावा उसमें ड्यूटी चार्ज जुटा होता है जो कुल बिजली खपत का छह प्रतिशत होता है. वहीं एलटीआइएस व कॉमर्शियल उपभोक्ता को पावर फैक्टर 0.9 से कम होने पर राशि जुड़ती है. यह डिफरमेंट राशि प्रीपेड मीटर लगने के बाद पहला बिजली बिल जेनरेट होने पर कटती है, जो लगातार सात दिन में कट जाती है. बिजली कंपनी के सीनियर प्रोटोकॉल ऑफिसर ख्वाजा जमाल ने बताया कि जिले में 85 हजार से अधिक प्रीपेड मीटर लग चुके हैं. जो समस्या है, उसका निदान किया जा रहा है. अधिक राशि कटने की शिकायत सही मिलने पर उन्हें उतने का रिचार्ज वापस किया गया है.
उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायत के मद्देनजर अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश ने 12 मई को माड़ीपुर स्थित कार्यालय में विशेष शिकायत निवारण सह स्मार्ट मीटर जागरूकता शिविर का आयोजन कोगा. इसमें सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक उपभोक्ता शिकायत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि मीटर तेज चलने, अधिक आने, गलत राशि चार्ज होने के बहकावे में नहीं आये. जो समस्या है वह अंचल स्तरीय कंट्रोल रूम के नंबर 8700257077 पर कार्यालय अवधि में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक करा सकते हैं. वह संबंधित कार्यालय में जाकर भी अपनी शिकायत कर सकते हैं. अगल गलती होगी तो उसमें सुधार होगा. कटौती सही हो रही है, तो उसे उनके मोबाइल में एप पर समझाया जायेगा.
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चैंबर ऑफ कॉमर्स के महामंत्री सज्जन शर्मा ने शहरी वन के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर परिषद सदस्यों को प्रीपेड मीटर से हो रही समस्याओं के निराकरण के लिए परिषद कैंपस में एक दिवसीय शिविर लगाने की मांग की है. इसमें कहा है कि इस कैंप में परिषद सदस्यों का समस्या का समाधान होगा और इस विषय पर जो भी बात समझ नहीं आ रही है उससे परिषद के सभी सदस्य अवगत होंगे.