नयी दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये गठित मंत्री समूह की बैठक में देशव्यापी स्तर पर किये जा रहे उपायों की समीक्षा के दौरान बुधवार को बताया कि इस घातक वायरस के त्वरित परीक्षण को सुनिश्चित करने के प्रयास जारी है और इस कड़ी में 118 प्रयोगशालाओं को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के नेटवर्क में जोड़ लिया गया है.
डा. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में हुयी बैठक में मंत्री समूह ने देशव्यापी स्तर पर घोषित लॉकडाउन को सफल बनाने के लिये केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर तालमेल कायम करने के प्रयासों की सराहना की. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन सहित अन्य संबद्ध मंत्रालयों के सचिव मौजूद थे.
उन्होंने बताया कि आईसीएमआर के नेटवर्क में शामिल 111 प्रयोगशालाओं की संख्या अब बढ़कर 118 हो गयी है. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं को भी इस दायरे में शामिल करने की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को पूरा करने वाली निजी प्रयोगशालाओं को भी कोरोना वायरस के परीक्षण की अनुमति दे दी है.
डा. हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये किये जा रहे उपायों की जानकारी देते हुये बताया कि 21 मार्च के बाद अब तक विभिन्न देशों से 64 हजार लोग भारत आये, इनमें से 56 हजार को उनके घरों में आइसोलेशन में और आठ हजार को सरकारी क्वारंटाइन केन्द्रों में पृथक रखा गया है.
उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिये लॉकडाउन के दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराना ही एकमात्र विकल्प है. डा हर्षवर्धन ने संकट की घड़ी में चिकित्सा सेवा में लगे चिकित्साकर्मियों के साथ हरसंभव सहयोग करने की भी अपील की है जिससे वे इस चुनौती से निपटने में अपनी प्रभावी भूमिका का निर्वाह कर सकें