Tiktok ban in india,59 Chinese App List: केंद्र सरकार ने टिक टॉक सहित 59 चीनी मोबाइल ऐप्स को 29 जून की रात को प्रतिबंध लगा दिया था. पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव होने के बीच लिए गए इस फैसले का देश के दो नामी अधिवक्ताओं ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि वो कोर्ट में टिक टॉक की ओर से पैरवी नहीं करेंगे. इन दोनों का नाम है पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वो चीनी ऐप टिक टॉक की तरफ से कोर्ट में पैरवी नहीं करेंगे. सिंघवी ने बताया कि टिक टॉक के लिए उन्होंने एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी और वे जीते भी थे. हालांकि, इस दफा वो कोर्ट में चीनी ऐप के लिए खड़े नहीं होंगे. बता दें कि चीनी कंपनी बाइटडांस , जो मोबाइल एप्लिकेशन टिक टॉक की ओनर कंपनी है, उसके लिए सिंघवी ने अदालत में पैरवी की थी, जब मद्रास हाई कोर्ट के एप्लीकेशन डाउनलोड को प्रतिबंधित करने के आदेश को चुनौती दी गई थी.
I will not be appearing for TikTok. I had appeared for them in a case one year ago and won in Supreme Court. I don’t intend to appear in this one: Senior lawyer and Congress leader Abhishek Manu Singhvi
(file pic) pic.twitter.com/582XzN7m5d— ANI (@ANI) July 1, 2020
इससे पहले देश के शीर्ष वरिष्ठ अधिवक्ताओं में शुमार पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी चीनी ऐप टिक टॉक का मुकदमा लड़ने से इनकार कर दिया. रोहतगी ने बुधवार को कहा कि वह एक चीनी ऐप के लिए भारत सरकार के खिलाफ अदालत में खड़ा नहीं होंगे. टिक टॉक ने मामले की पैरवी के लिए रोहतगी से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने सरकार के खिलाफ पेश होने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि वह नहीं चाहते कि भारत सरकार के खिलाफ वो किसी चीनी कंपनी का प्रतिनिधि बनें.
Mukul Rohatgi, former Attorney General of India, refuses to appear for Tik Tok, says he won't appear for the Chinese app against the Government of India. (file pic) pic.twitter.com/Pds2ZuUDii
— ANI (@ANI) July 1, 2020
बता दें कि गत 15 जून की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्तों में काफी तनाव आ गया है. पूर्वी लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास तनाव काफी बढ़ गया है. भारत एवं चीन ने सीमा पर एक-दूसरे के खिलाफ अपने सैनिकों की तादाद बढ़ा दी है. हालांकि, इस तनाव को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर की बातचीत भी चल रही है. कमांडर स्तर की बातचीत में सफलता भी मिली है. दोनों पक्ष सीमा पर टकराव न बढ़ाने पर सहमत हुए हैं.
केंद्र सरकार ने सोमवार को 59 चीनी ऐप को बैन करने का फैसला किया, जिसमें टिक टॉक, शेयर इट, यूसी ब्राउजर शामिल हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा का हवाला देते हुए इन ऐप्स को ब्लॉक करने का फैसला किया. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि केंद्र सरकार ने देश की सलामती, सुरक्षा, रक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए 59 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है.
Posted By: Utpal kant