सीबीआई ने येस बैंक-डीएचएफएल घोटाले के सिलसिले में पुणे के जाने-माने बिल्डर अविनाश भोसले और उनकी कंपनियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुंबई में विशेष सीबीआई अदालत में दायर पूरक आरोपपत्र से संबंधित मामले में एजेंसी ने आरोपपत्र दाखिल किया है. चार्जशीट में भोसले से जुड़ी छह कंपनियों के नाम भी हैं. जांच के दौरान सीबीआई ने यस बैंक द्वारा की गई धोखाधड़ी की कुल राशि 4,727 करोड़ रुपये बताई है.
Yes Bank-DHFL case | A supplementary charge sheet has been filed today against Avinash Bhosale, Satyan Gopaldas Tandon, Metropolis Hotels LLP, ABIL Infraprojects Pvt Ltd, ABIL Hospitality Pvt Ltd, Arindam Developers LLP, Avinash Bhosale Group, Flora Developments Ltd: CBI
— ANI (@ANI) July 26, 2022
सीबीआई ने घोटाले से संबंधित आरोपपत्र में सत्यन गोपालदास टंडन, मेट्रोपोलिस होटल्स एलएलपी, एबीआईएल इन्फ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, एबीआईएल हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, अरिंदम डेवलपर्स, अविनाश भोसले ग्रुप और फ्लोरा डेवलपमेंट लिमिटेड को नामजद किया है. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि भोसले की कंपनियों सहित विभिन्न बिल्डरों के माध्यम से ऋण और परामर्श सेवाओं के रूप में 4,727 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई. एक बयान में कहा, अन्य की भूमिका की आगे की जांच जारी है.
भोसले की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा था कि राणा कपूर के तहत येस बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) को 3,983 करोड़ रुपये का वितरण किया था, जो अपराध से अर्जित आय थी. सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, घोटाले ने अप्रैल से जून, 2018 के बीच आकार लेना शुरू किया था, जब येस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
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बताते चले कि यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के कपिल वाधवन से सबंधित धोखाधड़ी मामले में अविनाश भोसले को मुंबई से गिरफ्तारी की गई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई अब इस बात की जांच में जुटी है कि कहीं यस बैंक और डीएचएफएल घोटाले के तार महाराष्ट्र के दूसरे बड़े बिल्डरों से तो नहीं जुड़े हैं. सीबीआई ने इस मामले में 30 अप्रैल को कुछ बड़े बिल्डरों के यहां भी तलाशी ली थी.