इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में खुदा की खिदमत करता है और उनके लिए कुर्बान होता है तो उसे जन्नत नसीब होती है. जन्नत में उसकी खिदमत 72 हूरें करती हैं. इन हूरों के बारे में कहा जाता है कि उनकी सुंदरता असीम होती है और वे तमाम मानवीय कमियों से दूर होती हैं.
72 हूरों की चर्चा गाहे-बगाहे लोग करते हैं, पिछले कुछ दिनों से 72 हूरें इसलिए भी चर्चा में हैं कि आतंकवाद पर केंद्रित एक फिल्म का टीजर रिलीज हुआ है जिसमें 72 हूरों की चर्चा है. संजय पूरन सिंह चौहान के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दर्शाया गया है कि किस तरह कुछ कट्टरपंथी युवाओं को बरगला कर जन्नत के नाम पर आतंकवाद की ओर धकेलते हैं.
72 हूरों की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि पाकिस्तान के एक मौलाना तारिक जमील ने हूरों पर अटपटा बयान दिया है. मौलाना तारिक जमील ने हूरों के बारे में कहा है कि वे 130 फुट की होती हैं. वे एक कार्यक्रम के दौरान कहते हैं कि जन्नत की हूर एक नहर से पैदा होती है. जन्नत की हूर अगर सूरज को अंगुली दिखा दे तो सूरज नजर नहीं आयेगा. हूर को महिमामंडित करते हुए वे बता रहे हैं कि खुदा के आदेश से ये हूरें आपकी सेवा में रहेंगी. हूरों के बारे में कहा जाता है कि वे चिरयुवा होती हैं और उनका सौंदर्य कभी नष्ट नहीं होता है. उनका रंग सफेद होता है और उनका शरीर पारदर्शी होता है. सभी हूरें किशोरवय की होती हैं और उनपर उम्र का कोई प्रभाव नहीं होता है.