नयी दिल्ली : देश में कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कदम उठाने का मन बना लिया है. सीबीएसई ने कहा है कि एक जनवरी, 2017 से सीबीएसई के तहत संचालित होने वाले कैशलेस लेन-देन करना शुरू कर देंगे. सीबीएसई के सचिव जोसेफ इमेनुअल ने सीबीएसई के अधीन संचालित होने वाले सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को चिट्ठी लिखकर कैशलेस लेन-देन की शुरुआत करने का निर्देश दिया है.
बोर्ड के सचिव जोसेफ इमेनुअल की ओर से सीबीएसई के अधीन संचालित होने वाले तमाम स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया गया है कि वे एक जनवरी, 2017 से ही कैशलेस लेन-देन प्रणाली के तहत फीस ऑनलाइन या बिना नकदी भुगतान के किसी और प्रणाली के जरिये प्राप्त करेंगे. वहीं, सीबीएसई के अधीन संचालित होने वाले सभी स्कूलों ने बोर्ड के इस फैसले का स्वागत किया है.
बोर्ड ने सरकार समर्थन करने के बजाय चिट्ठी में बताया कैशलेस लेन-देन के फायदे
हालांकि, बोर्ड की ओर से जारी किये गये पत्र में इस तरह का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन यह माना जा रहा है कि नोटबंदी के बाद सरकार की ओर से शुरू की गयी कैशलेस लेन-देन मुहिम को बढ़ावा देने के लिए ही बोर्ड की ओर से इस तरह का कदम उठाया गया है. बोर्ड ने अपने पत्र में कैशलेस लेन-देन के मामले में सरकारी कदम का समर्थन करने के बजाए डिजिटल मनी से होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है. बोर्ड की ओर से भेजे गये पत्र में यह कहा गया है कि कैशलेस ट्रांजेक्शन का फायदा यह है कि सीबीएसई को परीक्षा शुल्क, मान्यता शुल्क और अन्य प्रकार की गतिविधियों से संबंधित शुल्कों का ई-पेमेंट प्रणाली के तहत भुगतान करने में सहूलियत होगी. इतना ही नहीं, बोर्ड ने अपने स्कूलों को यह भी निर्देश दिया है कि वे शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन भी कैशलेस प्रणाली के जरिये ही सीधे उनके बैंक खातों में करें.
पैरेंट्स-टीचर मीटिंग में कैशलेस लेन-देन की जानकारी देने का दिया निर्देश
बोर्ड के पत्र में सीबीएसई के स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि इसके अतिरिक्त स्कूलों को विभिन्न सेवाओं, वेतन, खरीद-फरोख्त समेत अन्य प्रकार के लेन-देन भी कैशलेस की करना चाहिए. पत्र में कहा गया है कि स्कूल हर महीने आयोजित होने वाली अभिभावक-शिक्षक बैठकों में भी छात्रों के अभिभावकों को कैशलेस लेन-देन से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देंगे.