Adani Row: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से दुनिया के जाने-माने उद्योगपति गौतम अदाणी विवादों में घिर गए हैं. भारत में अब इस मामले पर सियासत गरमा गई है. दरअसल, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के चलते अदाणी प्रकरण को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को कहा कि पार्टी 6 फरवरी को सभी जिलों में जीवन बीमा निगम कार्यालयों और भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं के सामने देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करेगी.
कांग्रेस ने गुरुवार को अदाणी एंटरप्राइजेज के मामले को घोटाला करार दिया और कहा कि इसकी शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश की देखरेख में जांच या फिर प्रकरण को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया जाना चाहिए. कांग्रेस ने कहा कि सार्वजनिक बैंकों और एलआईसी (LIC) के अदाणी समूह में निवेश तथा निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए. कांग्रेस ने यह भी फैसला किया है कि वह इस मामले को लेकर आगामी 6 फरवरी को जिला स्तर पर भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेगी.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा कि हम विपक्षी दलों ने मिलकर इस मामले में एक रुख तय किया है. एलआईसी के पैसे की बर्बादी और कई बैंकों का पैसा अडाणी एंटरप्राइजेज में लगा हुआ है. हम किसी व्यक्ति को निशाना नहीं बना रहे हैं. हमारा सिर्फ यह कहना है कि आम लोगों के पैसे की सुरक्षा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस घोटाले की जांच हो. जेपीसी से इसकी जांच कराई जाए या फिर उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की निगरानी में इसकी जांच हो. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अदाणी समूह पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया कि अदाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात कहना वैसे ही है जैसा उनके प्रधान मेंटर द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना. यह एंटायर पॉलिटिकल साइंस है.