लाइव अपडेट
भारत के लिए एक सुखद क्षण
आदित्य एल1 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह भारत के लिए एक सुखद क्षण है. भारतीय वैज्ञानिक वर्षों से काम कर रहे थे, दिन-रात मेहनत कर रहे थे...आदित्य एल1 का सफल प्रक्षेपण संपूर्ण विज्ञान और संपूर्ण राष्ट्र दृष्टिकोण का भी प्रमाण है जिसे हमने अपनी कार्य संस्कृति में अपनाने की कोशिश की है.
अमित शाह ने दी बधाई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं आदित्य एल-1 मिशन के शुभारंभ पर सभी को हार्दिक बधाई देता हूं.
PSLV C-57 ने आदित्य एल-1 को सफलतापूर्वक किया स्थापित
आदित्य एल-1 सैटेलाइट को अलग कर दिया गया है. PSLV C-57 मिशन आदित्य एल-1 पूरा हुआ. PSLV C-57 ने आदित्य एल-1 उपग्रह को वांछित मध्यवर्ती कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है.
पीएम मोदी ने दी बधाई
आदित्य-एल1 यान पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो चुका है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर इसरो को बधाई देते हुए कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है. हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई...भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो को बधाई.
Tweet
आदित्य-एल1 यान पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक हुआ अलग
इसरो ने बताया कि आदित्य-एल1 यान पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो चुका है.
कांग्रेस ने ‘आदित्य एल1’ के प्रक्षेपण को शानदार उपलब्धि बताया, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र किया
कांग्रेस ने शनिवार को ‘आदित्य एल1’ मिशन को देश के लिए शानदार उपलब्धि करार दिया और इसकी ऐतिहासिक परिष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि परियोजना को साल 2009 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मंजूरी मिली थी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, आज आदित्य एल 1 का प्रक्षेपण इसरो और भारत के लिए एक और शानदार उपलब्धि है. इसरो को एक बार फिर सलाम करते हुए, इसकी निरंतरता को समझने के लिए आदित्य एल1 की हाल की टाइमलाइन को याद करना सही होगा.
अंतरिक्ष यान, 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद स्थापित होगा
इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है. अंतरिक्ष यान, 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा. यह वहीं से सूर्य पर होने वाली विभिन्न घटनाओं का अध्ययन करेगा. पिछले महीने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता प्राप्त कर भारत ऐसा कीर्तिमान रचने वाला दुनिया का पहला और अब तक का एकमात्र देश बन गया है.
यह लगभग 63 मिनट की पीएसएलवी की 'सबसे लंबी उड़ान'
भारतीय अंतरिक्ष संगठन (इसरो) ने कुछ दिन पहले चंद्रमा पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के बाद एक बार फिर इतिहास रचने के उद्देश्य से शनिवार को देश के पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ का यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया. इसरो के अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही 23.40 घंटे की उलटी गिनती समाप्त हुई, 44.4 मीटर लंबा ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) चेन्नई से लगभग 135 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 11.50 बजे निर्धारित समय पर शानदार ढंग से आसमान की तरफ रवाना हुआ. यह लगभग 63 मिनट की पीएसएलवी की 'सबसे लंबी उड़ान' होगी.
आदित्य-L1 मिशन की सफल लॉन्चिंग, इसरो ने रचा इतिहास
ISRO के सूर्य मिशन Aditya-L1 को आज सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से लॉन्च किया गया. अब लॉन्चिंग के ठीक 125 दिन बाद यह अपने पॉइंट L1 तक पहुंच जाएगा. इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा जिसका वैज्ञानिकों को बेसब्री से इंतजार है.
‘आदित्य एल-1’ लॉन्च, तीसरा चरण सफल
भारत का पहला सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया. लॉन्च के बाद तीसरा चरण सफल रहा.
‘आदित्य एल-1’ लॉन्च, दूसरा चरण सफल
‘आदित्य एल-1’ लॉन्च हो चुका है. दूसरा चरण सफल रहा है. अब यह तीसरे चरण में प्रवेश कर गया है.
इसरो ने भारत के पहले सूर्य मिशन के तहत ‘आदित्य एल1’ यान को किया प्रक्षेपित
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश के पहले सूर्य मिशन के तहत ‘आदित्य एल1’ यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से शनिवार को प्रक्षेपित कर दिया है. ISRO के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) शार श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
आदित्य-L1 के लिए काउंट डाउन शुरू, स्पेस सेंटर में उमड़े लोग
आदित्य- L1 के लिए काउंट डाउन शुरू हो गया है. स्टेप बाय स्टेप लान्चिंग के आखिरी चरण पूरे किए जा रहे हैं. सतीश धवन स्पेस सेंटर और मिशन लॉन्च पैड के स्थल के आसपास मौसम साफ नजर आ रहा है. मिशन की लॉन्चिंग को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. लोग उस पल का गवाह बनने के लिए बेकरार हैं, जब आदित्य-L1 मिशन सूर्य की ओर उड़ान भरने के लिए ल़ॉन्च किया जा रहा है.
Tweet
लाइव देखें यहां
Aditya L1 की लाइव लॉन्चिंग देखें प्रभात खबर के साथ
]इसरो भारत के पहले सूर्य मिशन के प्रक्षेपण के लिए तैयार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) देश के पहले सूर्य मिशन के तहत ‘आदित्य एल1’ यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से शनिवार को प्रक्षेपित करने के लिए तैयार है. ‘आदित्य एल1’ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है.
श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 मिशन किया जाएगा लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आज श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च किया जाएगा. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज सुबह एक वीडियो सामने आया है.
#WATCH | Aditya-L1 Mission will be launched today by the Indian Space Research Organisation (ISRO) from Sriharikota
— ANI (@ANI) September 2, 2023
(Visuals from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota, Andhra Pradesh) pic.twitter.com/wvJZTyE0iW
आदित्य-एल1 मिशन की सफलता के लिए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने चांगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आज श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च किया जाएगा. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज सुबह एक वीडियो सामने आया है. इसकी सफलता के लिए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने आंध्रप्रदेश के तिरुपति जिले में चांगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की है.
Tweet
आदित्य-एल1 मिशन से हरदिन मिलेंगे 1440 तस्वीरें
सूर्य के अध्ययन के लिए कल यानी शनिवार को प्रक्षेपित किए जाने वाले भारत के पहले मिशन ‘आदित्य-एल1’ का प्राथमिक उपकरण ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (वीईएलसी) इच्छित कक्षा तक पहुंचने पर विश्लेषण के लिए जमीनी केंद्र को प्रतिदिन 1440 तस्वीरें भेजेगा. वीईएलसी उपकरण ‘आदित्य-एल1’ का "सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से सबसे चुनौतीपूर्ण" पेलोड है, जिसे बेंगलुरु के पास होसकोटे में भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (आईआईए) के क्रेस्ट (विज्ञान प्रौद्योगिकी अनुसंधान और शिक्षा केंद्र) परिसर में इसरो के सहयोग से एकीकृत किया गया था. इसका परीक्षण और क्रम निश्चित करने का कार्य भी इसी परिसर में किया गया. (भाषा)
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में की पूजा-अर्चना
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने आदित्य-एल1 मिशन के लॉन्च से पहले तिरूपति जिले के चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की. भारत का पहला सौर मिशन (आदित्य-एल1 मिशन) 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया जाएगा.
Tweet
करीब 15 साल से रॉकेट लॉन्चिंग से पहले इस मंदिर में आते हैं इसरो के अधिकारी
इस मिशन का उद्देश्य सूर्य का अध्ययन करना है. अधिकारियों ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी सूर्य वेधशाला मिशन के बाद आने वाले दिनों में एलवी-डी3 और पीएसएलवी सहित कई अन्य उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगी. चंद्रयान-3 मिशन के बारे में सोमनाथ ने कहा कि सभी चीजें ठीक हैं तथा काम जारी है. चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर के कार्यकारी अधिकारी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि बीते करीब 15 साल से, रॉकेट के प्रक्षेपण से पहले इसरो के अधिकारियों का इस मंदिर में आना एक परंपरा बन गई है.
वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंची ISRO वैज्ञानिकों की एक टीम
आंध्र प्रदेश में ISRO वैज्ञानिकों की एक टीम आदित्य-एल1 मिशन के लघु मॉडल के साथ तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंची. भारत का पहला सौर मिशन (आदित्य-एल1 मिशन) 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया जाएगा.
#WATCH | Andhra Pradesh: A team of ISRO scientists arrive at Tirumala Sri Venkateswara Temple, with a miniature model of the Aditya-L1 Mission to offer prayers.
— ANI (@ANI) September 1, 2023
India's first solar mission (Aditya-L1 Mission) is scheduled to be launched on September 2 at 11.50am from the… pic.twitter.com/XPvh5q8M7F
सौर मिशन की उलटी गिनती शुरू : इसरो प्रमुख
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी देश के महत्वाकांक्षी सौर मिशन ‘आदित्य-एल1’ का दो सितंबर होने वाले प्रक्षेपण के लिए तैयारी कर रही है और इसके प्रक्षेपण की उलटी गिनती कल से शुरू होगी. इस मिशन को दो सितंबर को पूर्वाह्न 11.50 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाना है.
#WATCH | Preparations underway at Sriharikota for Aditya-L1 Mission launch by Indian Space Research Organisation (ISRO)
— ANI (@ANI) September 1, 2023
Aditya-L1 launch is scheduled for tomorrow, 2nd September. pic.twitter.com/Q1voY7DUk4
IIA ने किया है डिजाइन
भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (आईआईए) ने मंगलवार को कहा कि उसने ‘विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ’ (वीईएलसी) का डिजाइन तैयार करने के साथ ही इसका संयोजन और परीक्षण किया है, जो सूर्य के अध्ययन के लिए भारत के पहले समर्पित वैज्ञानिक मिशन ‘आदित्य-एल1’ के सात उपकरणों में से एक है.
पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा
आदित्य-एल1 को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के माध्यम से प्रक्षेपित किया जाएगा. साथ ही जानकारी यह भी मिल रही है कि भारत का यह पहला सूर्ययान सूर्य की ऊपरी परत कोरोना (Corona) के बारे में अनुसंधान करेगा.
पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर जाएगा यान
आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और एल1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है.
2 सितंबर को श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा आदित्य एल-1
भारत का पहला सूर्ययान आगामी 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा. इसरो की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, भारत का यह मिशन सूर्य 11.50 बजे लॉन्च होगा. सूर्य का अध्ययन करने से संबंधित ‘आदित्य-एल1’ मिशन के बारे में जानकारी देते हुए इसरो ने कहा कि लॉन्चिंग का पूर्वाभ्यास और रॉकेट की आंतरिक जांच पूरी हो चुकी है.