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vikash dubey encounter : बच सकती थी विकास दुबे की जान,तीन गाड़ियों में बचाने पहुंचे थे साथी

उज्जैन के जिस मंदिर में विकास दुबे ( vikas dubey )पकड़ा गया अब उसके कर्मचारी परेशान है. दूसरी तरफ विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद कैसे उसके साथी उस बचाने तीन बड़ी गाडि़यों के साथ पहुंचे थे पुलिस ने इसका भी खुलासा किया है. vikas dubey kanpur

मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला उज्जैन के महाकाल मंदिर में जब पुलिस वाले ने उसे थप्पड़ मारा तो विकास ने इसी तरह अपना परिचय दिया था. उज्जैन के जिस मंदिर में विकास दुबे पकड़ा गया उसे पकड़वाने वाले कर्मचारी अब परेशान है. दूसरी तरफ विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद कैसे उसके साथी उस बचाने तीन बड़ी गाडि़यों के साथ पहुंचे थे पुलिस ने इसका भी खुलासा किया है.

मंदिर प्रशासन ने भेजा था नोटिस

उज्जैन में स्थित महाकाल के दो कर्मचारी जिन्होंने विकास दुबे को पकड़वाने में मदद की अब परेशान है, कहते हैं हमने उसे पकड़वा तो दिया लेकिन हमें ईनाम के बदले परेशान किया जा रहा है. कर्मचारी ने बताया कि मुझे मंदिर से बाहर करने का नोटिस दिया गया था हालांकि बाद में दोबारा मौका दिया गया कि काम करूं. मंदिर प्रशासन यहां अपराधी के पकड़े जाने से नाराज है.

मंदिर के गौशाला प्रभारी गोपाल सिंह ने बताया कि हमें मंदिर प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिया , हम दो लोगों ने विकास को पकड़ने में मदद की थी. मंदिर प्रशासन ने गोपाल और राजेन्द्र की गतिविधि को संदिग्ध बताते हुए नोटिस थमाया था. मंदिर प्रशासन का आरोप था कि दोनों कुछ छिपा रहे हैं.

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गोपाल बताते हैं कि यह पहली बार नहीं है जब उसने किसी अपराधी को पकड़वा हो इससे पहले भदोही के एक विधायक जिनकी पुलिस को तलाश ती उसकी भी जानकारी मिली तो मैंने पुलिस से पकड़वा था. गोपाल कहते हैं इस तरह की कार्रवाई से तो यही लगता है कि मंदिर प्रशासन और पुलिस चाहती है कि अपराधी को देखकर आंख बंद कर लें.

विकास को बचाने तीन गाड़ियों से निकले थे उसके साथी

विकास दुबे की उज्जैन में हुई गिरफ्तारी के बाद उसे पुलिस के बचाने की पूरी योजना तैयार थी. विकास को बचाने के लिए जय वाजपेयी ने योजना बनायी थी. इसके लिए तीन कारे में अपने दोस्तों के साथ उसे बचाने निकला था. तीन कार जिसमें फॉर्च्यूनर, ऑडी और वेरेना जैसी गाड़ियां शामिल थी. उसे बचाने की योजना तैयार थी लेकिन जब विजयनगर में उसने पुलिकर्मियों का पहरा देखा और सुक्षा देखी तो कार विजय नगर में ही खड़ी कर भाग गया. विकास की मदद के लिए रवाना हुई यह तीनों कार मिल गयी है.

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने यह खुलासा जय को रिमांड में लेने के बाद उससे हुई पूछताछ में किया है. पुलिस के अनुसार ऑडी कार खुद जय चला रहा था. उसके साथ दूसरे कार में फॉर्च्यूनर उसका दोस्त राहुल सिंह था और वेरेना को उन्होंने एक और ड़्राइवर को दे रखा था हालांकि आरोपी ने इन आरोपों से इनकार किया है और खुद को निर्दोष बताते हुए पुलिस पर फंसाने का आरोप लगा है. जय के परिवार वालों ने भी पुलिस पर आरोप लगाया है, उन्होंने कहा- हमें जय से मिलने नहीं दिया गया. दूसरी तरफ जय के दोस्त राहुल सिंह के घर की कुर्की की तैयारी पुलिस कर रही है.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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