पंजाब में शानदार जीत के बाद, आम आदमी पार्टी (आप) की नजर अब छत्तीसगढ़ पर है और अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने अगले साल आदिवासी बहुल राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. योजना के तहत, आप के वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय रविवार को छत्तीसगढ़ के दो-दिवसीय दौरे पर जाएंगे, ताकि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों को गति दी जा सके.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में फिलहाल कांग्रेस का शासन है. आप की पूर्वांचल इकाई के प्रभारी और बुराड़ी से विधायक संजीव झा, राय के साथ छत्तीसगढ़ जाएंगे. आप के एक नेता ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान राय आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की ‘कार्य योजना’ तैयार करने के लिए आप नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कई बैठकें करेंगे और राज्य में ‘बड़े पैमाने पर’ सदस्यता अभियान भी शुरू करेंगे. वह रविवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पार्टी के प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन करेंगे.
आप के एक नेता ने कहा कि सोमवार को, राय पंजाब में पार्टी की शानदार जीत को रेखांकित करने के लिए रायपुर में आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा निकाली जाने वाली ‘विजय यात्रा’ में भाग लेंगे और पार्टी को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के एक विकल्प के रूप में पेश करेंगे. यात्रा के उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा कि यह यात्रा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए हमारी कार्य योजना तैयार करने के लिए है. अपनी विजय यात्रा के माध्यम से हम अपनी पार्टी का संदेश जनता तक पहुंचाएंगे.
आप के दिल्ली संयोजक राय ने कहा कि पार्टी ने अगले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, क्योंकि राज्य के लोग, खासकर युवा और महिलाएं, कांग्रेस सरकार से निराश हैं और ‘बदलाव’ चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अलग राज्य के रूप में गठन के बाद 15 वर्षों तक, भाजपा शासित छत्तीसगढ़ ने अपने वादों को पूरा नहीं किया। पिछले विधानसभा चुनाव में, लोगों ने बदलाव के लिए मतदान किया और कांग्रेस को अपना जनादेश दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने साढ़े तीन साल के शासन के दौरान राज्य के लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में भी ‘पूरी तरह से विफल’ रही है.
आगे राय ने कहा कि कांग्रेस जहां आंतरिक झगड़ों से त्रस्त है, वहीं राज्य के लोगों, विशेषकर युवाओं, महिलाओं और आदिवासियों में बहुत निराशा है. उन्होंने भाजपा शासन और कांग्रेस को भी देखा है. अब, वे बदलाव चाहते हैं. आप ने 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कुल 90 सीटों में से 85 पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पायी थी.