लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है. सबसे ज्यादा रोचक जंग पंजाब में देखने को मिलेगी. यहां विपक्षी गठबंधन में टूट की खबर के बाद एनडीए को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी और अकाली दल के बीच पंजाब में गठबंधन को लेकर चल रही बात किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी और दोनों ही पार्टियां अब सूबे में अलग-अलग चुनावी समर में उतरेंगी. इसका मतलब यह है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तो अपने-अपने उम्मीदवार उतारेगी, साथ ही बीजेपी और अकाली दल के भी अपने-अपने उम्मीदवार होंगे जो चुनावी मैदान में नजर आएंगे.
बीजेपी और अकाली दल में क्यों आई तल्खी ?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में आम आदमी पार्टी ने गठबंधन से इतर, जब अलग-अलग उम्मीदवार उतारने की बात की तो बीजेपी ने अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव लाया. अकाली दल द्वारा किसान आंदोलन, सिख बंदियों की रिहाई के मामले उठाए जा रहे थे. इससे बीजेपी पर दवाब बनाने की कोशिश की जा रही थी. यही नहीं पंजाब की बीजेपी लीडरशिप भी गठबंधन को लेकर असहज थी. यदि आपको याद हो तो केंद्र सरकार किसानों के लिए नए कृषि कानून लेकर आई थी, उस वक्त इसका विरोध अकाली दल ने किया था. दोनों पार्टियों में तल्खी इतनी बढ़ गई थी कि अकाली दल ने एनडीए से नाता तोड़ने तक का फैसला कर लिया था. इसके बाद अकाली दल बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरी थी.
कुछ दिन पहले मीडिया में सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि बीजेपी पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है. बीजेपी के इस प्रपोजल को अकाली दल ने स्वीकार नहीं किया. अकाली दल जब एनडीए में था, तो वो 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारता था जबकि बीजेपी को तीन सीटें मिलती थी.
इंडिया गठबंधन में टूट
गौर हो कि लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन को शनिवार को जोरदार झटका लगा. दरअसल, आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. पार्टी के संजोयक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों और चंडीगढ़ की एक लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है जिससे विपक्षी गठबंधन को झटका लगा. केजरीवाल ने घोषणा की है कि जल्द ही सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा.