सरकार ने श्रीलंका संकट को लेकर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलायी है जिसे विदेश मंत्री एस जयशंकर संबोधित करेंगे. श्रीलंका पिछले सात दशकों में सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जहां विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है. सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद आर्थिक संकट से उपजे हालातों ने देश में एक राजनीतिक संकट को भी जन्म दिया.
Centre to hold all-party meeting over Sri Lankan crisis today
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— ANI Digital (@ani_digital) July 19, 2022
बताते चले कि तमिलनाडु के राजनीतिक पार्टियों द्वारा श्रीलंका के मुद्दे पर चर्चा की मांग के बाद केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इससे पहले हुई सर्वदलीय बैठक में द्रमुक और अन्नाद्रमुक ने कहा था कि मौजूदा आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका को भारत की मदद की जरूरत है. श्रीलंका में रह रहे तमिल आबादी को लेकर एआईएडीएमके के एम. थंबीदुरई और डीएमके के टीआर बालू ने भी चिंता जाहिर की थी. मालूम हो कि श्रीलंका में आपातकाल लागू है, और जनता सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रही है.
श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने 20 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव से पहले देश में आपातकाल की घोषणा की है. देश में राजनीतिक संकट और अराजकता के बीच गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद से यह पद रिक्त है. देश की 225 सदस्यीय संसद में दो दिन बाद राष्ट्रपति का चुनाव होना है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चालू साल के पहले चार महीनों में भारत ने श्रीलंका को सबसे ज्यादा कर्ज दिया है. इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है. इस साल के पहले चार माह यानी एक जनवरी से 30 अप्रैल, 2022 के बीच अभूतपूर्व राजनीतिक संकट और आर्थिक उथल-पुथल से त्रस्त द्वीपीय राष्ट्र को भारत ने 37.69 करोड़ डॉलर का ऋण दिया है. वहीं चीन ने इस अवधि में श्रीलंका को 6.77 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है.
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श्रीलंका के वित्त मंत्रालय के अनुसार, एक जनवरी से 30 अप्रैल, 2022 की अवधि के दौरान उसे भारत से सबसे अधिक 37.69 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता मिली है. भारत के बाद एशियाई विकास बैंक (एडीबी) 35.96 करोड़ डॉलर के साथ श्रीलंका का दूसरा सबसे बड़े ऋणदाता रहा है. इस अवधि में विश्व बैंक ने श्रीलंका को 6.73 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है. पहले चार माह में श्रीलंका को कुल 96.88 करोड़ डॉलर का विदेशी कर्ज मिला है. इसमें से 96.81 करोड़ डॉलर ऋण के रूप जबकि सात लाख डॉलर अनुदान के रूप में वितरित किए गए हैं.
(इनपुट- भाषा)