Manipur Violence: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और राज्य तथा केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों/पदाधिकारियों से लगातार कांटेक्ट में हैं. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. राजधानी दिल्ली में मौजूद शाह मणिपुर की स्थिति के संबंध में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से लगातार अपडेट्स ले रहे हैं. राज्य में आज भी स्थिति तनावपूर्ण रही लेकिन हालात नियंत्रण में रहे. मामले पर बात करते हुए सूत्रों ने बताया कि- अमित शाह मणिपुर की स्थिति की गहनता से निगरानी कर रहे हैं और राज्य तथा केन्द्र सरकार के सीनियर अधिकारियों/पदाधिकारियों से लगातार जानकारी ले रहे हैं.
जानकारी के लिए बता दें अमित शाह ने दो वीडियो कांफ्रेंस की, जिनमें मणिपुर के मुख्यमंत्री राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस प्रमुख, केन्द्रीय गृह सचिव और केन्द्र सरकार के अन्य सीनियर अधिकारी मौजूद रहे. मणिपुर के हालात के मद्देनजर अमित शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से फोन पर बात भी की थी. सूत्रों ने बताया कि इस बीच पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) लेवल के कम से कम पांच अधिकारी और सात सीनियर पुलिस अधीक्षक लेवल और पुलिस अधीक्षक लेवल के CRPF के अधिकारियों को हिंसा प्रभावित मणिपुर में सिक्योरिटी फोर्सेज की तैनाती का जिम्मा सौंपा गया है.
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केन्द्र सरकार ने घटना के बाद CRPF और BSF सहित केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की और 20 कंपनियों को मणिपुर रवाना किया है. राज्य में सेना और असम राइफल्स के जवान भी मौजूद हैं. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली और रांची से भी कुछ सीनियर अधिकारियों को रवाना किया गया है. नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद हिंसा भड़क गई थी, जिसने रात में और गंभीर रूप ले लिया. राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (ATSUM) के तरफ से बुलाए गए आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई थी.