जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग जिले के गडोले वन क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों का सफाया करने का अभियान रविवार को भी जारी है, सुरक्षा बलों ने आस-पास के गांवों तक अभियान का दायरा बढ़ा दिया है और वन क्षेत्र में मोर्टार के कई गोले दागे. यहां कम से कम दो आतंकियों के छिपे होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
इस बीच खबर है कि आतंकियों की तलाशी अभियान में सेना के स्पेशलाइज्ड दस्ते को उतारा गया है. इसके अलावा लैटेस्ट हेरॉन मार्क- 2 ड्रोन को भी आतंकियों के सफाए के लिए उतारने का काम किया गया है. सेना किसी भी कीमत पर इन आतंकियों को ढेर करने का प्रयास कर रही है. यही वजह है कि जमीन से लेकर आसमान तक अभियान चलाया जा रहा है.
आतंकियों के खिलाफ अभियान में सेना ने हेरॉन मार्क -2 को उतारने का काम किया है. आइए आपको इसकी खासियत बताते हैं. पहले तो आपको ये बता दें कि इसी ड्रोन से एक आतंकी को ढेर किया गया था. दरअसल यह ड्रोन सर्विलांस के साथ हमला करने में सक्षम है. इसका मतलब साफ है कि यह ड्रोन आतंकियों क ढूंढ-ढूंढकर मारने की क्षमता रखता है.
हेरॉन मार्क -2 की खास बात यह है कि बारिश के दौरान भी यह ड्रोन काम करता रहता है. इसे 15 किलोमीटर दूर बैठकर भी आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है. यह ड्रोन पांच तरफ से एक साथ गोली बरसाने में सक्षम है. इसे इजरायल के एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने तैयार किया है. इस बीच अनंतनाग मुठभेड़ को लेकर अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल घने वन क्षेत्र में ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए तलाश कर रहे हैं. माना जा रहा है कि बुधवार को शुरुआती मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों और एक पुलिस उपाधीक्षक के शहीद होने के बाद से आतंकवादी इसी स्थान में छिपे हैं.
अधिकारियों ने बताया कि वन क्षेत्र में कई गुफानुमा ठिकाने हैं. आतंकवादियों पर हमला करने के लिए उनके सटीक ठिकाने का पता लगाने के वास्ते ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ड्रोन से प्राप्त फुटेज में शुक्रवार को सुरक्षा बलों द्वारा एक ठिकाने पर गोले दागे जाने के बाद एक आतंकवादी भागते हुए नजर आये थे.
आपको बता दें कि आतंकवादियों के साथ बुधवार सुबह मुठभेड़ में सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट और सेना का एक अन्य जवान शहीद हो गए थे.