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किसान आंदोलन के समय ट्विटर पर सरकारी दबाव? अनुराग ठाकुर ने कहा, झूठ बोल रहे हैं जैक डोर्सी

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सवाल किया कि ट्विटर के अधिग्रहण पर ट्विटर फाइल्स को लेकर उनके पक्षपात, छेड़खानी और दुर्भावना पर जो खुलासे हुए, उस पर आज तक उन्होंने जवाब क्यों नहीं दिया?

नई दिल्ली : भारत में किसानों के आंदोलन के दौरान ट्विटर पर सरकारी दबाव के दावे को केंद्र सरकार ने झूठा बताकर खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार ने ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी के सोशल मीडिया मंच को देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकारी दबाव और बंद किए जाने की धमकियों का सामना करने के आरोपों को झूठा बताया है. इस मामले में मंगलवार को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा और पारदर्शी लोकतंत्र है. भारत में जब भी चुनाव नजदीक होते हैं, तो कुछ विदेशी ताकतें और यहां उनके एजेंट एक योजनाबद्ध तरीके से देश को अस्थिर और बदनाम करने के लिए सक्रिय होते हैं. उन्होंने दावा किया कि जैक डोर्सी सफेद झूठ बोल रहे हैं.

अनुराग ठाकुर ने जैक डोर्सी से पूछे सवाल

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सवाल किया कि ट्विटर के अधिग्रहण पर ट्विटर फाइल्स को लेकर उनके पक्षपात, छेड़खानी और दुर्भावना पर जो खुलासे हुए, उस पर आज तक उन्होंने जवाब क्यों नहीं दिया? वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने डोर्सी के दावों को खारिज करते हुए ट्वीट किया कि डोर्सी के समय ट्विटर प्रशासन को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में दिक्कत होती थी. उन्होंने कहा कि कोई जेल नहीं गया और न ही ट्विटर बंद किया गया.

सरकार की बात नहीं मानने पर दी गई थी धमकियां

बता दें कि ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने आरोप लगाया है कि देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर पर दबाव डाला था और सरकार का कहना नहीं मानने पर भारत में ट्विटर को बंद करने, उसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने की धमकियां दी गयी थीं. चंद्रशेखर ने ट्वीट किया कि डोर्सी और उनकी टीम के समय ट्विटर लगातार और बार-बार भारतीय कानून का उल्लंघन कर रहा था. उन्होंने 2020 से 2022 तक बार-बार कानूनों की अवमानना की और जून 2022 में ही उन्होंने अंतत: अनुपालन शुरू किया.

जैक डोर्सी के समय भारतीय कानून नहीं मान रहा था ट्विटर

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैक डोर्सी के समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी और वह ऐसे व्यवहार करता था, मानो भारत के कानून उस पर लागू नहीं होते. उन्होंने कहा कि एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते भारत के पास यह सुनिश्चित करने का अधिकार है कि उसके कानूनों का भारत में संचालित सभी कंपनियां पालन करें. चंद्रशेखर ने कहा कि जनवरी 2021 में प्रदर्शनों के दौरान अनेक दुष्प्रचार किये गये और यहां तक कि नरसंहार की खबरें थीं, जो कि निश्चित रूप से फर्जी थीं. उन्होंने कहा कि सरकार इस मंच से गलत सूचनाओं को हटाने के लिए बाध्य थी, क्योंकि फर्जी खबरों के आधार पर हालात और बिगड़ने की आशंका थी.

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ट्विटर को गलत सूचना हटाने में थी दिक्कत

केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि जैक डोर्सी के समय ट्विटर पर पक्षपातपूर्ण रवैये का यह स्तर था कि उन्हें भारत में इस मंच से गलत सूचनाओं को हटाने में दिक्कत थी, जबकि अमेरिका में अनेक घटनाओं में उन्होंने खुद ऐसा किया. चंद्रशेखर ने कहा कि किसी के यहां छापे नहीं मारे गए और न ही किसी को जेल भेजा गया, जबकि पूरी तरह ध्यान भारतीय कानूनों के अनुपालन पर था. उन्होंने कहा कि जैक के समय ट्विटर के मनमाने, खुल्लम खुल्ला पक्षपातपूर्ण और भेदभाव वाले रवैये तथा उस अवधि में इसके मंच पर उनके अधिकारों के दुरुपयोग के अनेक प्रमाण हैं जो अब सार्वजनिक हैं.

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