रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा,’कुछ खिलाड़ी अगर आज जंतर-मंतर पर बैठे हैं उनके साथ किसने बात की? मैं 12 घंटे उनके साथ बैठा, उनकी बात सुनी, कमेटी बनाई, हम निष्पक्ष जांच चाहते थे. इनके कहने पर बबीता फोगाट को कमेटी में शामिल किया गया. हर किसी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया….किसी भी थाने में कोई भी FIR दर्ज़ करवा सकता है. पुलिस ने कहा कि प्राथमिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे. मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है. हमारे लिए खेल प्राथमिकता है, जिसके साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे.’
आपको बताएं, खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था. बाद में, रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा दो सप्ताह बढ़ा दी और प्रदर्शनकारी पहलवानों की अपील पर बबीता फोगट को जांच पैनल में अपने छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया. समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन मंत्रालय ने अभी तक अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पहलवान कई सुनवाई के बाद डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं कर सके.
इधर पूरे मामले को लेकर बजरंग पुनिया, विवेश फोगाट समेत की टॉप के पहलवान पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आपको बताएं कि, सात महिला पहलवानों ने महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है. इस साल की शुरुआत में भी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ और अन्य ट्रेनर्स के खिलाफ विरोध किया था.
वहीं पहलवानों के की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने को लेकर सभी पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था जिस पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और दिल्ली पुलिस को मामले में कारवाई करने करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने दलील दी की मामले एफआईआर जांच के बाद की जाएगी. वहीं ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पुनिया ने कहा ‘जबतक बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ़्तारी नहीं हो जाती वो धरणे पर बैठे रहेंगे. ‘