जोशीमठ में भू-स्खलन की समस्या ने अब आर्मी बेस को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है. आर्मी चीफ मनोज पांडे ने आज प्रेस काॅन्फ्रेंस में यह जानकारी दी कि कि सेना की 25-28 इमारतों में दरारें आ गयी हैं, जिसकी वजह से सैनिकों को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है. 15 जनवरी आर्मी दिवस से पहले मनोज पांडे मीडिया को संबोधित कर रहे थे.
आर्मी चीफ मनोज पांडे ने बताया कि सेना की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें आ गयी हैं, जिन्हें देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से सैनिकों को अस्थायी रूप से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है. जरूरत पड़ने पर उन्हें स्थायी रूप से औली में स्थानांतरित किया जा सकता है.
आर्मी चीफ ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में लद्दाख में सेना के लिए बुनियादी ढांचे और आवास आवश्यकताओं के लिए लगभग 1300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, पिछले 2 वर्षों में लगभग 55,000 सैनिकों के लिए आवास की व्यवस्था की गयी और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में 400 तोप तैनात की गयीं.
जोशीमठ एलएसी से मात्र 100 किलोमीटर दूर है, इस वजह से यहां सेना और और आईटीबीपी की तैनाती रहती है. मनोज पांडे ने बताया कि जोशीमठ से माणा जाने वाली सड़क पर भी दरारें आयी हैं जिनकी मरम्मत का कार्य चल रहा है. हालांकि इन दरारों का असर सेना की आवाजाही पर नहीं पड़ा है.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर आर्मी चीफ ने कहा कि हमने परिचालन, रणनीतिक और सामरिक स्तरों पर हमारे लिए क्या सबक हैं, इसका विश्लेषण किया. हमें इन पाठों को प्रासंगिक बनाना है. हमने उन्हें बड़े हथियार मंच, साइबरस्पेस आदि के संदर्भ में शामिल किया है.