नयी दिल्ली : भारतीय सेना ने ड्रोन हमले से बचने के लिए नया तरीका अपनाया है. सैन्य क्षेत्र में कहीं भी उड़ता हुआ ड्रोन दिखा जो अब उसे मार गिराया जायेगा. इसको लेकर निर्देश जारी कर दिया गया है. यही हाल क्वाडकॉप्टर का किया जायेगा. आरएस पुरा स्थित सेना की यूनिट की दीवारों पर यह निर्देश लगा दिया गया है. आरएस पुरा के कुल्लियां यूनिट बॉर्डर से 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर है.
अमर उजाला की खबर के मुताबिक इस निर्देश में कहा गया है कि सैन्य यूनिट वाले क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. अगर कोई भी ड्रोन या क्वाडकॉप्टर ऐसे क्षेत्र में उड़ता हुआ दिखा तो उसे तुरंत ही मार गिराया जायेगा. सेना की सभी यूनिट्स ने अपने स्तर पर ड्रोन को मार गिराने के लिए विशेष तैनाती की गयी है.
यूनिट के कुछ जवानों को विशेष रूप से आसमानी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है. सूत्रों का कहना है ड्रोन से केवल हमले ही नहीं किये जा रहे हैं, बल्कि सैन्य ठिकानों की रेकी के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. सेना की ओर से बताया गया है कि कई बार सरहद पार से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि सभी यूनिट्स के लिए ड्रोन और क्वाडकॉप्टर के लिए ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है. हो सकता है आरएस पुरा के कुल्लिया यूनिट ने अपने स्तर पर यह तैयारी की होगी. लेकिन अगर ऐसा किया गया है तो यह एक नया प्रयास होगा. हमें किसी भी खतरे के लिए तैयार रहना चाहिए. बता दें कि हाल ही में जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले किये गये थे.
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जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद सेना ने इसे बड़ी चुनौती के रूप में लिया है और भविष्य में इस प्रकार का हमला न हो इसके लिए तैयारी की है. सभी स्टेशनों पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने का भी काम हो रहा है. एलओसी पर भी सेना ने एंटी ड्रोन सिस्टम स्थापित किया है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पिछले 2 सालों में 40 बार पाकिस्तान ने ड्रोन से हथियार, गोला बारूद और ड्रग्स फेंके हैं.
Posted by: Amlesh Nandan.