गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले की एक अदालत ने बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल के खिलाफ 2017 के एक मामले में अदालत में पेश होने में विफल रहने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
गुजरात में 2017 में हुये चुनाव से पहले सरकारी आदेश का उल्लंघन करते हुये जिले के एक गांव में पटेल ने राजनीतक भाषण दिया था. धरंगधरा के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डीडी शाह ने अदालत में पेश होने में विफल रहने के मामले में पटेल के खिलाफ यह गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इस मामले में अदालत ने दो फरवरी के अपने आदेश में धरंगधरा के तालुका पुलिस थाना अधिकारी को पटेल को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने के लिये कहा था. एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुये बताया कि अदालत का यह आदेश 11 फरवरी को थाने को प्राप्त हुआ.
पटेल और मामले के एक सह आरोपी कश्मीरी पटेल को जिले के हरिपुर गांव में एक सभा आयोजित करने के लिए दी गई अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने का मामला सामने आया था, जिसके बाद 12 जनवरी, 2018 को धरंगधरा तालुका पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उनके खिलाफ गुजरात (बम्बई) पुलिस अधिनियम 1951 की धारा 37 (3) और 135 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
ऐसे ही एक मामले में जामनगर की अदालत ने हार्दिक पटेल को बरी कर दिया है। पटेल ने धुतरपार गांव में एक रैली के दौरान सरकारी आदेशों का उल्लंघन करते हुए भाषण दिया था। उस समय, पटेल ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) का नेतृत्व किया था।