जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला के प्रदेश में धारा 370 हटाने को लेकर दिये गये विवादास्पद बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने हमला बोला है. इस मामले पर शिवसेना नेता ने फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा है और इस मामले में केंद्र सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि अगर महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और अन्य लोग चीन की मदद से कश्मीर में धारा 370 लागू करना चाहते हैं तो केंद्रीय सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए. अगर कोई भी व्यक्ति जो कश्मीर में तिरंगा फहराना चाहता है, उसे रोका जाता है, तो मैं इसे ‘राष्ट्र दोह’ मानता हूं.
गौरलतब है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने को लेकर कई नेता अब भी विरोध कर रहे हैं. नेशनल कॉफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को लेकर अब विवादित बयान दे दिया है. फारुक ने कहा, है कि जम्मू कश्मीर में दोबारा अनुच्छेद 370 को लागू करने में चीन उनकी मदद कर सकता है.
इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा, चीन मदद कर सकता है लेकिन मैंने कभी चीन के राष्ट्रपति से बात नहीं की. हमारे प्रधानमंत्री ने ही उन्हें गुजरात घुमाया , झूले पर बिठाकर साथ झूला झूले. उन्हें खूब खिलाया. जम्मू कश्मीर से 370 हटाये जाने का विरोध करते हुए उन्होंने कहा, जो लोग भी मोदी सरकार के इस फैसले के साथ खड़े हैं वह गद्दार हैं.
हमें जम्मू कश्मीर से 370 का हटाया जाना कबूल नहीं है, हम इसका विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे रुकेंगे नहीं. अब्दुल्ला ने चीन की मदद की बात करते हुए यह भी कहा कि अल्लाह करे कि उनके इस जोर से जम्मू कश्मीर में दोबारा 370 और 35 A लागू हो जाये.
फारूक ने संसद में भी 370 को लागू करने की मांग की थी. यहां अपनी बात रखते हुए उन्होंने विकास को मुद्दा बनाया था. उनहोंने कहा था कि जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में अभी विकास नहीं हुआ है. इंटरनेट की सुविधा ठीक से नहीं रखती. भारत के कई राज्यों में हाईस्पीड इंटरनेट है लेकिन जम्मू कश्मीर में आज भी समस्या है.
अनुच्छे 370 हटाये जाने के बाद पाकिस्तान भी कश्मीर का राग अलापना शुरू किया था. भारत ने स्पष्ट तौर पर संकेत दे दिया कि यह हमारा आंतरिक मामला है. भारत ने दूसरे देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि इसमें दखल ना करें. चीन ने भी इस मामले को उठाने की कोशिश की थी. भारत की इस चेतावनी के बाद भी पाकिस्तान और चीन यह कोशिश करते रहते हैं लेकिन भारत ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह आंतरिक मामलों में किसी का भी दखल सहन नहीं करेगा.
Posted By: Pawan Singh