Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ कर रही है. पीठ ने सुनवाई के दौरान अंतरिम जमानत देने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. बाद में कोई भी आदेश जारी किए बिना पीठ उठ गई. ऐसी संभावना है कि इस मामले में 9 मई को सुनवाई हो सकती है. कोर्ट ने कहा, यदि 9 मई को संभव नहीं होता है, तो अगले हफ्ते किसी भी दिन सुनवाई होगी.
जमानत भी मिल गई तो सरकारी काम नहीं कर पाएंगे केजरीवाल?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल से कहा, अगर आप सरकारी जिम्मेदारियां निभाएंगे तो यह हितों का टकराव होगा और हम ऐसा नहीं चाहते. कोर्ट ने कहा, हम नहीं चाहते कि यदि आपको अंतरिम जमानत दी जाए तो आप सरकारी कामकाज करें.
जमानत पर विचार करना होगा : कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा, यह असाधारण परिस्थिति है क्योंकि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं, उनकी अंतरिम जमानत पर विचार करना होगा. अंतरिम जमानत देने के संबंध में दलीलों पर सुनवाई करेंगे क्योंकि वह निर्वाचित नेता हैं और उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने की जरूरत है.
ईडी ने जमानत का किया विरोध
ईडी ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के संबंध में सुनवाई को लेकर न्यायालय की राय का विरोध किया और कहा कि अदालत नेताओं के लिए अलग श्रेणी नहीं बना सकती. ईडी ने कोर्ट से कहा, अरविंद केजरीवाल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान सात-सितारा होटल में ठहरे थे, उनके कुछ बिल का भुगतान दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने किया था.
आरोपियों से सीधे प्रासंगिक सवाल क्यों नहीं पूछे गए
सुप्रीम कोर्ट ने जांच में देरी पर ईडी से सवाल किया कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में गवाहों, आरोपियों से सीधे प्रासंगिक सवाल क्यों नहीं पूछे गए. ईडी ने कोर्ट से कहा, शुरुआत में अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के मामले में जांच के केंद्र में नहीं थे, उनकी भूमिका बाद में स्पष्ट हुई. मालूम हो केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू कोर्ट में पेश हुए.
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