Arvind Kejriwal:कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल काे मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत नहीं मिल पायी. मंगलवार को केजरीवाल और प्रवर्तन निदेशालयों के वकीलों के बीच जोरदार बहस हुई. लेकिन अदालत की ओर से कोई आदेश नहीं दिया गया. मामले की सुनवाई 9 मई या फिर अगले हफ्ते हाे सकती है. इस बीच दिल्ली की विशेष अदालत ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 20 मई तक बढ़ाने का आदेश दिया. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी नीति में अनियमितता के मामले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं. गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की पीठ ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने की बात मौखिक तौर पर कही थी. अदालत ने कहा था प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर फैसले सुनाने में अदालत को वक्त लग सकता है, ऐसे में अंतरिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है. हालांकि प्रवर्तन निदेशालय ने ऐसे किसी तरह की राहत देने का जमकर विरोध किया था.
प्रवर्तन निदेशालय की सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के खिलाफ दलील
अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अंतरिम जमानत देने से एक गलत परिपाटी का जन्म होगा और यह कानून के हिसाब से भी सही नहीं होगा. भ्रष्टाचार के मामले में कई राजनेता जेल में बंद हैं और केजरीवाल को चुनाव प्रचार के नाम पर अंतरिम जमानत देने से इन सभी को चुनाव प्रचार के आधार पर जमानत देना होगा. मेहता ने कहा कि केजरीवाल ने जांच अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं किया और 6 महीने में 9 बार समन की अनदेखी की. ऐसे में क्या राजनेताओं के लिए विशेष राहत दी जा सकती है. अगर वे चुनाव प्रचार में शामिल नहीं होते हैं तो इससे कोई बड़ा अनर्थ नहीं होगा. केजरीवाल के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और ऐसे में अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती है.
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा केजरीवाल के खिलाफ है पर्याप्त साक्ष्य
सुप्रीम कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए एजेंसी के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं. जांच एजेंसी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वर्ष 2022 में गोवा चुनाव प्रचार के दौरान एक सात सितारा होटल में रुके और होटल के बिल का भुगतान चनप्रीत सिंह ने किया. चनप्रीत सिंह ने गोवा में आप के प्रचार के लिए नकद राशि हवाला ऑपरेटर से ली. इस मामले में मनी ट्रेल महत्वपूर्ण है और जांच एजेंसी ने इस ट्रेल की कड़ी को जोड़ने में सफलता हासिल की है. जांच एजेंसी के पास इस मामले में पुख्ता सबूत हैं.