उत्तर प्रदेश के ज्ञानवापी मस्जिद परिषर में सर्वे के दौरान वजू खाना में शिवलिंग मिला है या फव्वारा ? देशभर में इसे लेकर अलग- अलग तरह की चर्चा है. हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग बता रहे हैं जबकि मुस्लिम पक्ष फव्वारे पर अड़ा है.
इस मामले पर न्यूज चैनल आजतक से बात करते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, जबतक सर्वे नहीं हो जाता इसे शिवलिंग कहना गलत है. ज्ञानवापी मस्जिद के वुजूखाने के पास शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा मिला है जो 400 साल पुराना है.
उन्होंने आगे कहा, इस मामले पर सख्त कानून है और ज्ञानवापी मामले में 1991 के एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है. हमसे बाबरी मस्जिद छिन ली गयी लेकिन ये मस्जिद नहीं छिन पायेंगे. उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम 1991 (Places of Worship (Special Provisions) Act 1991) में स्पष्ट है कि यहां पूजा नहीं हो सकेगी.
यह मजबूत कानून है इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया है और यह संघीय ढाचे का हिस्सा है. अगर यह शिवलिंग भी है, तो यहां पूजा या आरती नहीं हो सकेगी. अगर यहां ऐसा होता है, तो जैन मंदिर और बुद्ध मंदिर में भी पूजा की इजाजत मिलनी चाहिए. देश में आज जो स्थिति है बेरोजगारी है उसके लिए भी क्या ओरंगजेब जिम्मेदार हैं.
ध्यान रहे कि इस मामले को लेकर राजनीतिक चर्चा भी तेज है. ज्ञानवापी में सर्वे के बाद यह तेज चर्चा हुई कि वहां शिवलिंग मिला है, इसके बाद एक वीडियो सोसल मीडिया पर भी खूब वायरल होने लगा जिसमें दिखाया गया कि किस जगह यह मिला है.
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वजू खाना के बीच में एक जगह है, और यहीं पर घिरे एक जगह को शिवलिंग बताया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए क्षेत्र को सुरक्षा देने का निर्देश दिया है, जिसके ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिलने का दावा किया जा रहा है.