राजस्थान कांग्रेस में अब सबकुछ ठीक है! मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा विवाद अब समाप्त हो गया है. करीब सवा चार घंटे तक हुई बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह समझौता हो गया. दोनों ने ही अपने राजनीतिक भविष्य का फैसला कांग्रेस के आलाकमान पर छोड़ दिया है. कांग्रेस पार्टी के महासचिव के सी वेणूगोपाल ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों नेता एकजुट हैं. कोई भी मनमुटाव नहीं अब हम पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे.
आपको बताएं की पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास में सोमवार शाम 6 बजे बैठक शुरू हुई. जिसमे पार्टी अध्यक्ष खरगे के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल हुए. ऐसा बताया जा रहा है की खरगे ने पहले गहलोत से अकेले में बात की जिसमें उन्होंने पायलट के उठाए मुद्दों पर जानकारी ली.
वहीं करीब 15 मिनट बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और 45 मिनट बाद राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी बैठक में पहुंचे. कांग्रेस नेता पायलट को साथ लेकर राजस्थान के चुनाव में जाना चाहती थी. यही वजह है कि उनकी ओर से उठाए गए सभी मुद्दों पर वरिष्ठ नेताओं ने चर्चा की. यही वजह है खरगे ने सचिन पायलट से भी मुलाकात कर उनका पक्ष जाना. इसके बाद सभी कांग्रेसी नेताओं ने मिलकर राजस्थान में चल रही राजनीतिक विरोध का पटाक्षेप करा दिया.
बैठक से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली पहुंचते ही एयरपोर्ट पर ही अपने तेवर जाहिर कर दिए थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान आज भी इतना मजबूत ही है कि कोई नेता यह कहने की हिम्मत नहीं कर सकता कि वह अपनी पसंद का पद लेगा या फिर पार्टी उसे मनाने के लिए पद की पेशकश करे. यह रिवाज मैंने कांग्रेस में नहीं देखा. ऐसा कभी नहीं हुआ और कभी नहीं होगा. कांग्रेस आज भी बेहद मजबूत संगठन है और आलाकमान मजबूत है.
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