Aspirational District: देश के आकांक्षी जिलों के समग्र विकास के लिए सरकार कई योजना चला रही है. इसके अलावा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी(सीएसआर) फंड के तहत भी आकांक्षी जिलों में विकास का काम किया जा रहा है. पिछले तीन साल में सीएसआर फंड के तहत आकांक्षी जिलों में खर्च होने वाली राशि में लगातार इजाफा हुआ है. केंद्रीय कॉरपोरेट मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में सीएसआर फंड के तहत आकांक्षी जिलों में 651.43 करोड़ रुपये, वर्ष 2021-22 में 1046.43 करोड़ रुपये और वर्ष 2022-23 में 1402.89 करोड़ रुपये खर्च किये गये. कॉरपोरेट एक्ट की धारा 135 के तहत सीएसआर फंड का प्रावधान किया गया है.
पिछड़े जिलों का विकाश है लक्ष्य
वर्ष 2018 में केंद्र सरकार ने देश के सबसे पिछड़े 112 जिलों के समग्र विकास के लिए योजना शुरू की थी. इसके तहत इन आकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है. गौरतलब है कि इसमें बिहार के 13 जिले मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, जमुई, औरंगाबाद, बेगूसराय, लखीसराय, गया, बांका, नवादा, खगड़िया और शेखपुरा शामिल है. वहीं झारखंड में कुल 24 जिलों में से 19 आकांक्षी जिले हैं. इस योजना का मकसद केंद्र और राज्य की योजनाओं के जरिये आकांक्षी जिलों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है. ताकि देश का हर जिला विकास की दौड़ में आगे बढ़ सके.