Assam Delimitation Draft Proposal: असम में भारत के चुनाव आयोग (ECI) द्वारा प्रस्तावित परिसीमन मसौदे के विरोध में कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने बराक घाटी, कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है. बताते चलें कि 20 जून, 2023 को चुनाव आयोग ने असम के विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के लिए परिसीमन का मसौदा प्रस्ताव जारी किया है. इसको लेकर वहां सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है.
करीमगंज जिले के कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने इस प्रक्रिया को अवैध बताया है और कहा है कि इस परिसीमन में किसी भी दिशानिर्देश का पालन नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इस परिसीमन प्रक्रिया में किसी भी दिशानिर्देश का पालन नहीं किया गया है. जब पिछली बार परिसीमन किया गया था, तो बराक घाटी की जनसंख्या 20 लाख थी जो अब यह 45 लाख है. लेकिन, अब हमारी सीटें कम कर दी गई हैं. क्षेत्र में कोई भौगोलिक सर्वेक्षण नहीं किया गया है. कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने बताया, यह पूरी प्रक्रिया अवैध है जिसका हम विरोध करते हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों की परिसीमन कवायद में कोई समस्या नहीं है, जिसका मसौदा प्रस्ताव पिछले सप्ताह प्रकाशित किया गया था. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि मसौदा प्रस्ताव का विरोध केवल उन लोगों द्वारा किया गया है, जो प्रक्रिया को नहीं समझते हैं या जिन्हें चुनावी हार का डर दिखाई दे रहा है.
बयान में कहा गया है कि असम में आखिरी परिसीमन प्रक्रिया 1976 में हुई थी, जबकि मौजूदा प्रक्रिया 2001 की जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है. ईसीआई ने अपने प्रेस नोट में कहा गया है कि असम राज्य में विधानसभा और लोकसभा में सीटों की संख्या 126 और 14 बरकरार रखी गई है. विधानसभा की 126 सीटों में से अनुसूचित जनजातियों के लिए 19 सीटें आवंटित करने का प्रस्ताव है, जबकि असम राज्य को आवंटित लोक सभा की 14 सीटों में से 2 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है. इसी तरह 9 सीटें विधान सभा में अनुसूचित जाति के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव है, जबकि लोक सभा में अनुसूचित जाति के लिए 1 सीट आवंटित करने का प्रस्ताव है.