Assam Floods: असम बाढ़ में सोमवार को छह और लोगों की मौत हो गई, जिससे 8 जुलाई 2024 तक कुल मरने वालों की संख्या 72 हो गई. इधर महाराष्ट्र में भारी बारिश से स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. लोकल ट्रेन सेवाएं और उड़ान संचालन प्रभावित हुए और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
मुंबई में बारिश से रोकी जिंदगी की रफ्तार
मुंबई में सोमवार को भारी बारिश के कारण सड़कों पर यातायात के साथ ही स्थानीय ट्रेन सेवाएं और उड़ान परिचालन प्रभावित हुआ. शहर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई. महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई, क्योंकि भारी बारिश के कारण कई सदस्य और अधिकारी विधान भवन नहीं पहुंच सके. दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और पड़ोसी ठाणे के बीच मध्य रेलवे (सीआर) के मुख्य गलियारे की ‘फास्ट लाइन’ पर विभिन्न स्थानों पर जलभराव के कारण कुछ घंटों के लिए ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दी गईं. बाद में यह फिर से शुरू की गईं. मध्य रेलवे के अधिकारियों ने लोगों से कहा है कि जब तक अपरिहार्य न हो, यात्रा करने से बचें.
बारिश के कारण स्कूलें बंद
महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया. मुंबई, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के सभी स्कूल बंद रहे. नवी मुंबई नगर निगम ने 9 जुलाई को अपने सीमा क्षेत्र के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है. NMMC शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने मुंबई के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है. बीएमसी ने मुंबईकरों से आग्रह किया है, जिसमें कहा गया, अगर जरूरी न हो तो घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए. कृपया किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें. जरूरत पड़ने पर मदद और आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया बीएमसी के मुख्य नियंत्रण कक्ष का संपर्क नंबर 1916 डायल करें. बीएमसी ने बताया, सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे के बीच मुंबई में 101.8 मिमी और उपनगरों में 14.1 मिमी बारिश हुई.
असम में बाढ़ से काजीरंगा में अबतक 131 जंगली जानवरों की मौत
असम में बाढ़ की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अब तक कम से कम 131 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है, जबकि 96 अन्य को बचा लिया गया है. इस उद्यान को हाल के वर्षों में सबसे खराब बाढ़ का सामना कर रहा है, इससे पहले बड़े पैमाने पर तबाही 2017 में हुई थी, जब पशु गलियारों से ऊंचे इलाकों की ओर पलायन कर रहे 350 से अधिक वन्यजीव बाढ़ के पानी में और वाहनों की टक्कर में मारे गए थे.
Also Read: गोपालगंज में अंग्रेजों का बनाया पुल हुआ जर्जर, हादसे को दे रहा न्योता, डर-डर कर पार कर रहे ग्रामीण