Assam Mizoram Border Clash पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम और मिजोरम के बीच दशकों से सीमा को लेकर मतभेद रहे हैं. लेकिन, बीते दिनों भड़के विवाद ने नया रूप ले लिया है. दोनों राज्यों के बीच जारी सीमा विवाद के बीच मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. जानकारी के मुताबिक, मिजोरम पुलिस ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा प्रशासन के 6 शीर्ष अधिकारियों के अलावा करीब दो सौ अज्ञात पुलिस कर्मियों को भी नामजद किया गया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मिजोरम पुलिस द्वारा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने पर असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. मंत्री अशोक सिंघल ने इस मामले पर कहा है कि बचपना है, नासमझी है, नादानी है. मिजोरम की सरकार से आग्रह है कि भारत के संविधान के अंदर रहकर काम करें.
असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल ने आगे कहा कि हमें बातचीत से समाधान निकालना चाहिए. बंदूक से समाधान नहीं निकलेगा, एफआईआर से समाधान नहीं निकलेगा. इससे आगे बातचीत का रास्ता बंद हो जाएगा, इससे दोनों राज्यों के बीच रिश्ते खराब होंगे.
इन सबके बीच, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले पर कहा कि जांच में शामिल होकर उन्हें खुशी होगी. असम के मुख्यमंत्री ने शनिवार को ट्वीट किया, किसी भी जांच में शामिल होने में मुझे बहुत खुशी होगी. लेकिन, यह मामला किसी तटस्थ एजेंसी को क्यों नहीं सौंपा गया. खासकर जब यह घटना असम के वैधानिक क्षेत्र के अंदर हुई है. इस बात को मिजोरम के सीएम जोरमाथांगा तक पहले ही पहुंचा चुका हूं.
मिजोरम के सीएम जोरामथांगा ने अपनी सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना को ट्विटर पर साझा करते हुए कहा है कि असम के कछार जिले के साथ लगते मिजोरम के कोलासिब जिले में राज्य के अनिवासी व्यक्तियों की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है, पूर्वोत्तर भारत हमेशा एक रहेगा. असम सरकार द्वारा यात्रा परमर्श जारी करने के एक दिन बाद जोरामथांगा का बयान आया है. असम ने अपने नागरिकों से मिजोरम की यात्रा नहीं करने और वहां रहने वाले निवासियों से सतर्क रहने के लिए कहा है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने हाल में सीमा पर हुई हिंसक झड़प के संबंध में मिजोरम सरकार द्वारा उनके और राज्य के छह अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने के औचित्य पर शनिवार को सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जब घटना असम के संवैधानिक क्षेत्र में हुई, तो मिजोरम में प्राथमिकी कैसे दर्ज की जा सकती है.