वैश्विक आतंकवादी संगठन अलकायदा की भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा (एक्यूआईएस) इकाई के चार और सदस्य को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने यह जानकारी दी. असम के गोलपारा एसपी वीवी राकेश ने कहा, हमने 4 और लोगों को गिरफ्तार किया. जिनका संबंध अल-कायदा/AQIS के सदस्य भी हैं. हम संदिग्ध और अनाधिकृत मदरसों पर भी कार्रवाई करेंगे. बहुत से लोग स्लीपर सेल नहीं हैं, लेकिन उन्होंने किसी न किसी तरह से मदद पहुंचाई है. हम इनकी पहचान कर कार्रवाई करेंगे.
बता दें कि इस मामले में शुक्रवार को एक सदस्य को अंसारुल बांग्ला टीम (एबीटी) के साथ कथित तौर पर संबंध रखने के लिए असम के गोलपाड़ा जिले से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि लगातार दो दिनों में इस तरह की यह दूसरी गिरफ्तारी है. जिला पुलिस अधीक्षक वी. वी. राकेश रेड्डी ने कहा कि एक सप्ताह में जिले से अलकायदा से संबद्ध एक्यूआईएस के सदस्यों की यह चौथी गिरफ्तारी है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान बोंगईगांव में स्थित एक मदरसे के शिक्षक और गोलपाड़ा निवासी हाफिजुर रहमान के रूप में हुई है.
उन्होंने बताया कि वह इलाके के युवाओं को एक्यूआईएस में भर्ती करने में कथित तौर पर शामिल था और एबीटी के सदस्यों के साथ भी उसके संबंध है. आरोपी व्यक्ति को स्थानीय अदालत में पेश किया गया और उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. दूसरे व्यक्ति की पहचान गोलपाड़ा जिले के रहने वाले अब्दुस सुबहान के रूप में हुई है, जिसे गुरुवार को बोंगईगांव जिले से इसी तरह के संपर्क मामले में गिरफ्तार किया गया था और उसे भी पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.
पुलिस ने बताया कि अलकायदा से कथित तौर पर संबंध रखने के लिए दो मौलवियों को भी 21 अगस्त को गोलपाड़ा से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि उन पर मुस्लिम युवकों को कथित तौर पर बरगलाने और पिछले तीन-चार वर्षों के दौरान जिहादी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है. पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने पुलिस महानिरीक्षक (पश्चिमी रेंज) दिलीप कुमार डे और गोलपाड़ा, बारपेटा और बोंगईगांव जिले के पुलिस अधीक्षकों के साथ यहां बैठक की. डीजीपी ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि जिले से गिरफ्तार किये गए तीनों आरोपियों के कई ऐसे लोगों से संपर्क हैं, जो जिहादी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और उन्हें पहले भी राज्य में गिरफ्तार किया गया था.
महंत ने कहा, ”हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या उनका संबंध इस साल की शुरुआत में मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किए गए लोगों से है. यह पता लगाया गया है कि जिलों में एक्यूआईएस के ‘स्लीपर सेल’ हैं, जहां युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. कुछ जिहादी साहित्य और पोस्टर बरामद किए गए हैं.” उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि कुछ इमामों ने राज्य के बाहर से आकर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मदरसों की स्थापना की. उन्होंने कहा कि जिलों के अधिकारियों को ऐसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
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महंत ने कहा, ”संबंधित अधिकारियों की अनुमति के बिना किसी क्षेत्र में एक भी मदरसा नहीं बन सकता है. आवश्यक नियमों का पालन करना होगा.” डीजीपी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग जिहादी गतिविधियों में कथित रूप से शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए जिलों के प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने हाल में कहा था कि असम ”जिहादी गतिविधियों का केंद्र” बन गया है और पांच महीनों में बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल इस्लाम से जुड़े पांच मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है. (भाषा)