नयी दिल्ली : ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में विकसित कोरोनो वायरस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रॉयल फिर शुरू कर दिया गया है. ब्रिटेन की प्रमुख दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन का ट्रॉयल कर रही थी, लेकिन नौ सितंबर को यह सूचना आयी कि वैक्सीन के वालंटियर पर इसके गंभीर साइड इफेक्ट देखे गये तो इसके ट्रॉयल को रोक दिया गया. आज राइटर के हवाले से यह सूचना आयी कि मेडिसिंस हेल्थ रेगुलेटरी अथॉरिटी (MHRA) द्वारा अनुमति दिये जाने के बाद ट्रॉयल को दोबारा शुरु कर दिया गया है. अथॉरिटी ने ट्रॉयल को सुरक्षित बताया है.
ब्रिटेन में वैक्सीन के ट्रॉयल को अनुमति मिलने के बाद भारत में इसकी शुरुआत हो जायेगी. सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से कहा गया है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया की अनुमति मिलने के बाद वैक्सीन का ट्राॅयल फिर शुरू कर दिया जायेगा. फिलहाल यह ट्रॉयल रूका हुआ है.
गौरतलब है कि नौ सितंबर को ब्रिटेन की प्रमुख दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से हमें कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को रोकना पड़ रहा है. कोविड-19 वैक्सीन के वालंटियर में गंभीर लक्षण देखे गये थे. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रॉयल एस्ट्राज़ेनेका कंपनी द्वारा ही किया जा रहा है.
British clinical trials for AstraZeneca and Oxford University coronavirus vaccine have resumed following confirmation by the Medicines Health Regulatory Authority (MHRA) that it was safe to do so, the company said on Saturday: Reuters
— ANI (@ANI) September 12, 2020
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का वैक्सीन ट्रॉयल के तीसरे चरण में है और अमेरिका, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत समेत 60 जगहों पर क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है. जिस वक्त ट्रॉयल रोका गया था एस्ट्राजेनेका की ओर से यह कहा गया था कि बड़े परीक्षणों में ऐसे लक्षण संयोग भी हो सकते हैं. लेकिन, हम इसकी समीक्षा कर रहे हैं.
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