Sanatan dharm : जो लोग सनातन को गालियां दे रहे हैं, जो सनातन को खत्म करने की बात कर रहे हैं, वे 2024 में खत्म हो जाएंगे, उनका मोक्ष हो जाएगा. उनमें से कुछ भूतप्रेत, पिशाच और ब्रह्मराक्षस बनकर दूसरे-तीसरे लोक में पहुंच जाएंगे. उक्त बातें आज योग गुरु रामदेव बाबा ने सनातन धर्म पर जारी विवाद के बीच कही. रामदेव बाबा ने कहा कि यह सनातन का गौरव काल है. गुलामी की निशानियों को मिटाकर, आत्मग्लानि और कुंठाओं से निकलकर देश को पराक्रम की ओर ले जाने का काल है.
रामदेव बाबा ने कहा कि जो लोग सनातन धर्म पर जातिवादी होने का लांछन लगाते हैं, वे कुंठित बुद्धि वाले हैं. जो लोग सनातन धर्म को भेदभाव वाला बताते हैं वे एक एजेंडे के तहत काम कर हैं. ये लोग सुपारी लेकर विदेशी ताकत के बल पर सनातन को बदनाम कर रहे हैं, उसे खत्म करना चाहते हैं. सनातन धर्म में जाति नहीं कर्म का महत्व है. ब्राह्मण का अर्थ जाति नहीं है, बल्कि जो अज्ञान को मिटाता है, वो ब्राह्मण है. जो अन्याय का अंत करता है वो क्षत्रिय है.
#WATCH | Yog guru Ramdev on 'Sanatan Dharma' row
"…Those abusing and talking about ending 'Sanatan' will themselves end in the year 2024. Those calling 'Sanatan' casteist & discriminatory are working against it in collaboration with foreign powers as per an agenda…" pic.twitter.com/SBICWd40DX
— ANI (@ANI) September 18, 2023
सनातन धर्म में स्त्री-पुरुष का भी कोई भेदभाव नहीं है. ये लोग सनातन को बदनाम करना चाहते हैं, ये लोग एजेंडे की तरह काम कर रहे हैं, लेकिन इन असुरों का नाश होगा. इंडिया और भारत विवाद पर रामदेव बाबा ने कहा कि 15 साल पहले हमने मेड इन भारत लिखा था. ऐसा लिखने वाले हम पहले संस्थान थे. हम भारत वाले हैं, भारत में आयुर्वेद है, वेद है और बहुत कुछ है, हम उनपर गर्व करते हैं.
ज्ञात हो कि डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने कुछ दिनों पहले सनातन धर्म पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यह धर्म भेदभाव पूर्ण है इसलिए इसका अंत होना चाहिए. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना बहुत ही आपत्तिजनक अंदाज में की थी, जिसके बाद विवाद हो गया था. बीजेपी ने उदयनिधि स्टालिन के बयान की आड़ में विपक्षी गठबंधन को निशाने पर लिया. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर सोनिया गांधी से कई सवाल किए और विपक्षी गठबंधन के पर हमला बोला. उन्होंने यह कहा कि क्या कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां सिर्फ सनातन धर्म की निंदा कर सकती हैं, किसी और धर्म पर टिप्पणी करने की ताकत उनके अंदर नहीं है.
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उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है कि अभिव्यक्ति की आजादी का अर्थ नफरत फैलाना नहीं है. सनातन एक ऐसा धर्म है जो शाश्वत कर्तव्यों का समूह है, जो देश के लोगों, राजा, माता-पिता और गुरुओं के प्रति कर्तव्य परायणता सिखाता है. इसमें गरीबों की देखभाल करना भी शामिल है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इसे क्यों नष्ट किया जाना चाहिए? सनातन धर्म पर जारी विवाद के बीच कांग्रेस ने भी अपना अलग रुख अख्तियार कर लिया है. वो काफी सतर्कता के साथ इस मसले पर बयान दे रही है. कांग्रेस ने अपने नेताओं को आदेश दिया है कि वे बीजेपी के एजेंडे का शिकार ना हों.