नयी दिल्ली : भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के आपातकालीन उपयोग के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मंजूरी मांगी है. इसके लिए कंपनी ने डब्ल्यूएचओ को करीब 90 फीसदी तक जरूरी दस्तावेज भी जमा कर दिये हैं.
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिल जाती है, तो कोवैक्सीन की खुराक लेनेवाले लोग विदेश जा सकेंगे. बताया जाता है कि कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए भारत बायोटेक द्वारा शेष दस्तावेजों को जून तक जमा कराया जा सकता है.
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) आश्वस्त है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल जायेगी. साथ ही बताया कि अभी तक किसी भी देश ने ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ लागू नहीं किया है. वर्तमान में दुनिया के अधिकतर देशों में यात्रा के दौरान आरटी-पीसीआर जांच में कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट के प्रमाणपत्र की जरूरत होती है.
मालूम हो कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 11 देशों से रेगुलारिटी अप्रूवल मिल चुका है. वहीं, सात देशों की कंपनियों ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में अपनी दिलचस्पी दिखायी है.
ब्राजील और हंगरी में कोवैक्सीन की रेगुलारिटी अप्रूवल के लिए दस्तावेज जमा कराने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जबकि, कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन से अंतिम दौर की बातचीत भी चल रही है.
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