Bharat Jodo Yatra: वरिष्ठ कांग्रेसी जयराम रमेश ने शनिवार को पार्टी के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद पर बड़ा हमला बोला है. जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गुलाम नबी आजाद मीर जाफर बनेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी (BJP) ने उन्हें जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस का वोट काटने के लिए खड़ा किया है.
भारत जोड़ो यात्रा में पदयात्रा कर रहे जयराम रमेश ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि अभी सबसे अहम बात यह है कि जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल किया जाए और चुनाव कराए जाएं. उन्होंने कहा कि साथ ही यह भी जरूरी है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत लाया जाए, ताकि यह नौकरशाहों द्वारा नहीं बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा शासित हो.
जयराम रमेश ने डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद को वोटों को बांटने की बीजेपी की प्लानिंग के तहत सूचीबद्ध किया. उनके अनुसार, उस सूची में एआईएमआईएम (AIMIM) के असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी (AAP) भी शामिल है. जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस से आजाद का जाना वोट काटने की मोदी-शाह की योजना का हिस्सा था. कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत में बीजेपी द्वारा खड़े किये गए तीन वोट कटवा असदुद्दीन ओवैसी और AAP तथा जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के वोट काटने के लिए खड़े किए गए आजाद हैं. मुझे नहीं लगता कि ऐसा वास्तव में होगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या आजाद अपनी डीएपी से कांग्रेस की संभावनाओं में सेंध लगाएंगे, जयराम रमेश ने कहा कि गुलाम नबी के साथ कांग्रेस छोड़कर गए अधिकतर कार्यकर्ता और नेता पार्टी में वापस लौट आए हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या आजाद कभी कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं, जैसा उनकी नवगठित पार्टी के सहयोगियों ने वापसी की है, रमेश ने कहा, मुझे नहीं पता कि आजाद की क्या योजनाएं हैं. मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह वास्तव में कांग्रेस छोड़ देंगे. यही वह पार्टी है जिसने लगभग 50 वर्षों तक उन्हें एक पहचान दी. उन्हें मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के नेता सहित पार्टी और सरकार में हरसंभव पद दिया, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह मीर जाफर होंगे.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह स्वीकार किया कि वह कभी भी आजाद के करीबी सहयोगी नहीं रहे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आजाद ने पार्टी छोड़ी, वह उसे कभी स्वीकार नहीं कर सकते. आजाद ने विशेष रूप से पिछले 50 वर्षों में कांग्रेस से सभी लाभ प्राप्त करने के बाद जिस तरह से पत्र लिखा, उसने आजाद को कांग्रेस के हर व्यक्ति की नज़र में गिरा दिया.
कांग्रेस महासचिव रमेश ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति के दावे काफी हद तक बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए हैं. क्योंकि टारगेटेड किलिंग जारी हैं. ऐसा न केवल कश्मीर में बल्कि जम्मू, पुंछ राजौरी और पूरे जम्मू-कश्मीर में भी हो रहा है. रमेश ने आरोप लगाया कि निवेश या आर्थिक बढ़ोतरी के आंकड़े केवल कागजी आंकड़े हैं. उन्होंने कहा कि असंतोषण की अंतर्निहित भावना, अब वह असंतोष सिर्फ कश्मीर में ही नहीं, वह जम्मू में और विशेष रूप भूमि से संबंधित मामलों को लेकर अन्य हिस्सों में से भी है, जिसे मैंने महसूस किया है. ऐसा इसलिए क्योंकि आप चाहे जम्मू में रह रहे हैं या में कश्मीर सबसे बड़ी आशंका जमीन और रोजगार को लेकर है.
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