BJP: दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा सत्ता पर काबिज हुई है. विधानसभा चुनाव परिणाम आए पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, यह तय नहीं हो पाया है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे से लौटने के बाद दिल्ली का मुख्यमंत्री चेहरे पर फैसला होगा. दिल्ली में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम सात मंत्री ही बन सकते हैं. पार्टी मुख्यमंत्री तय करने से पहले हर सामाजिक समीकरणों का ध्यान रख रही है. आम आदमी पार्टी पिछले 11 साल से मुफ्त की योजनाओं के कारण दिल्ली में अजेय बनी हुई थी. केजरीवाल को उम्मीद थी कि महिलाओं के लिए सम्मान राशि का ऐलान करने से एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बनना तय है.
भाजपा ने आम आदमी पार्टी के मुफ्त वादों की काट के लिए दिल्ली में तीन संकल्प पत्र जारी किया और हर वर्ग को साधने के लिए कई वादों की घोषणा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनावी रैली में भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने की गारंटी दी. इस गारंटी में यमुना की सफाई, महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा सबसे अहम है. दिल्ली में सरकार बनने से पहले अधिकारी भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादों को पूरा करने के लिए 100 दिन का एक्शन प्लान तैयार करने में जुट गए हैं.
पहली कैबिनेट में होंगे अहम फैसले
केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा का कहना है कि दिल्ली सरकार की पहली कैबिनेट में आयुष्मान भारत योजना लागू करने, यमुना की सफाई और महिला सम्मान योजना को लेकर फैसला लिया जा सकता है. दिल्ली के मुख्य सचिव ने नयी सरकार के गठन से पहले सभी विभागों के प्रमुखों के साथ एक बैठक कर भाजपा के संकल्प पत्र को ध्यान में रखते हुए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है. सभी विभागों को 15 दिनों के अंदर 100 दिन के एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया है. दिल्ली में जलभराव रोकने के लिए ड्रेनेज की सफाई का एक्शन प्लान से लेकर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए है.
प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे से लौटते ही पार्टी के पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री के चेहरे पर मुहर लगेगी और फिर विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव किया गया जायेगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो सकते हैं. पार्टी की कोशिश दिल्ली में एक बेहतर गवर्नेंस मॉडल मुहैया कराने की है ताकि इसका असर दूसरे राज्यों पर भी हो सके. भाजपा सामाजिक कल्याण के साथ ही दिल्ली में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को प्राथमिकता देगी.