Electoral Bond: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, भारी बहुमत लेकर बीजेपी का इरादा संविधान बदलने का है. देश को आजादी दिलाने में इनका कोई योगदान नहीं है. इन्होंने तिरंगे का भी विरोध किया. आज भी अपना भगवा झंडा RSS लगाती है, राष्ट्रीय झंडे को इतनी अहमियत नहीं देते.
बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े के बयान पर मची है सियासी संग्राम
बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि बीजेपी को संविधान में संशोधन करने के लिए और कांग्रेस द्वारा इसमें जोड़ी गईं अनावश्यक चीजों को हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी. उन्होंने कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को इसके लिए 20 से अधिक राज्यों में सत्ता में आना होगा. कर्नाटक से छह बार के लोकसभा सदस्य हेगड़े ने कहा, अगर संविधान में संशोधन करना है- कांग्रेस ने संविधान में अनावश्यक चीजों को जबरदस्ती भरकर, विशेष रूप से ऐसे कानून लाकर, जिनका उद्देश्य हिंदू समाज को दबाना था, संविधान को मूल रूप से विकृत कर दिया है – यदि यह सब बदलना है, तो यह इस (वर्तमान) बहुमत के साथ संभव नहीं है.
Electoral Bond: चुनावी बॉन्ड पर भी कांग्रेस ने बीजेपी पर बोला हमला
चुनावी बॉन्ड मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, किस व्यक्ति से आप ने (चुनावी बॉन्ड) लिया. उसे क्या कॉन्ट्रैक्ट दिए. किस तरह की इनकम टैक्स में छूट दी, उसे किस तरह का फायदा दिया. उसकी छानबीन हम चाहते हैं. आप वही नहीं दे रहे. खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, चुनावी बॉण्ड का विवरण प्रकाशित करने के लिए एसबीआई द्वारा साढ़े चार महीने मांगने के बाद साफ हो गया था कि मोदी सरकार अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने की हर संभव कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, आज के माननीय सु्प्रीम कोर्ट के फैसले से देश को जल्द चुनावी बॉण्ड से भाजपा के चंदा देने वालों की सूची पता चलेगी. मोदी सरकार के भ्रष्टाचार, घपलों और लेन-देन की कलई खुलने की ये पहली सीढ़ी है.
सुप्रीम कोर्ट ने समय बढ़ाने की एसबीआई की याचिका खारिज की, कल तक जानकारी देने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बड़ा झटका देते हुए चुनावी बॉण्ड संबंधी जानकारी का खुलासा करने के लिए समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका सोमवार को खारिज कर दी और उसे 12 मार्च को कामकाजी घंटे समाप्त होने तक निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड संबंधी विवरण उपलब्ध कराने का आदेश दिया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने निर्वाचन आयोग को भी एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 15 मार्च को शाम पांच बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया.