नई दिल्ली : दिल्ली की मंडोली जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर की चिठ्ठी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछे हैं कि वे मंत्री सत्येंद्र जैन को उनके पद से बर्खास्त क्यों नहीं कर देते. महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लिखी चिट्ठी में आरोप लगाते हुए इस बात का जिक्र किया है कि जेल में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सत्येंद्र जैन ने उससे 10 करोड़ की वसूली की है. महाठग सुकेश चंद्रशेखर के लेटर बम के बाद दिल्ली और देश के राजनीतिक हलकों में बवाल मचा हुआ है और आम आदमी पार्टी की प्रतिद्वंद्वी पार्टियों की ओर से आरोपों की बौछार शुरू हो गई है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा की दिल्ली इकाई ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल किया कि वह सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से हटा क्यों नहीं रहे हैं, जबकि उन पर जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर से जेल में उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 करोड़ रुपये वसूलने का आरोप लगाया गया है. दिल्ली के मंडोली जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया है कि जैन ने जेल में उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2019 में उससे 10 करोड़ रुपये वसूले थे. चंद्रशेखर ने चिट्ठी सात अक्टूबर को लिखा है, जिसे उसके वकील अशोक के सिंह ने 8 अक्टूबर को सक्सेना को सौंपा था.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने पार्टी सांसद परवेश वर्मा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सवाल किया कि केजरीवाल सत्येंद्र जैन को एक और अपराध सामने आने के बाद भी बर्खास्त क्यों नहीं कर रहे हैं. वर्मा ने आरोप लगाया कि मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जेल में बंद सत्येंद्र जैन जेल से अपना ‘कारोबार’ चला रहे हैं. चंद्रशेखर ने चिट्ठी में यह भी आरोप लगाया कि उसको दक्षिणी क्षेत्र में पार्टी में कोई महत्वपूर्ण पद देने और राज्यसभा के लिए नामांकन में मदद के वास्ते आप को 50 करोड़ रुपये से अधिक दिए गए. चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि 2017 में ‘दो पत्ती चुनाव चिह्न भ्रष्टाचार मामले’ में गिरफ्तारी के बाद उसे तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था और जैन ने उससे मुलाकात की थी, जो उस समय जेल विभाग के भी मंत्री थे.
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इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह गुजरात के मोरबी में पुल गिरने की घटना से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई में जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद जैन के पास जो स्वास्थ्य, गृह, बिजली और शहरी विकास समेत अन्य विभाग थे, उन्हें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सौंप दिया गया. हालांकि, जैन दिल्ली मंत्रिमंडल में बिना प्रभार के मंत्री बने हुए हैं.