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गुजरात चुनाव: जानिए अहमदाबाद की 16 सीटें BJP के लिए क्यों है अहम! 2017 में 4 पर कांग्रेस को मिली थी जीत

Gujarat Election 2022: अहमदाबाद शहर में कांग्रेस को 2012 में 16 सीट में से दो पर जीत मिली थी. जबकि, 2017 में उसके प्रदर्शन में सुधार हुआ और पार्टी 4 सीट जीतने में कामयाब रही.

Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान होगा. इस दिन अहमदाबाद शहर की जिन 16 सीट पर मतदान होना है, वे बीजेपी (BJP) के लिए महत्वपूर्ण हैं. बता दें कि बीजेपी को 1990 के बाद से यहां हुए चुनावों में हमेशा बढ़त मिली है.

अहमदाबाद में अधिकतर सीट जीत सकती है बीजेपी!

वहीं, अहमदाबाद शहर में कांग्रेस को 2012 में 16 सीट में से दो पर जीत मिली थी. जबकि, 2017 में उसके प्रदर्शन में सुधार हुआ और पार्टी 4 सीट जीतने में कामयाब रही. आम आदमी पार्टी (AAP) के आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने यहां सभी 16 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं. वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM यहां चार सीट पर चुनाव लड़ रही है. राजनीति के जानकारों का अनुमान है कि फिलहाल अहमदाबाद की इन 16 में से 12 सीट पर काबिज बीजेपी इनमें से अधिकतर सीट जीत सकती है और आम आदमी पार्टी शायद ही कोई प्रभाव छोड़ पाए. कुछ सीट पर एआईएमआईएम कांग्रेस के वोट काट सकती है.

मतदान से पहले पीएम मोदी का रोड-शो

पीएम मोदी ने दूसरे चरण के मतदान से पहले शहर में एक के बाद एक दो रोड-शो किए हैं. इस चरण में उत्तर और मध्य गुजरात की सीटों पर मतदान होना है. ऐसे बीजेपी की गढ़ कही जाने वालीं अहमदाबाद शहर की 16 विधानसभा सीट फिर से चर्चा में आ गई हैं. मोदी ने शहर में 1 दिसंबर को 30 किलोमीटर लंबे रोड-शो का नेतृत्व किया था. उनका रोड-शो अहमदाबाद के 13 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरा था. दो दिसंबर को पीएम मोदी ने अपने धुआंधार प्रचार अभियान के तहत अहमदाबाद एयरपोर्ट से सरसपुर क्षेत्र तक 10 किलोमीटर के रोड शो का नेतृत्व किया.

बीजेपी के पीछे मजबूती से खड़े रहे है अहमदाबाद के मतदाता

गुजरात के अन्य शहरों की तरह अहमदाबाद शहर के मतदाता 90 के दशक की शुरुआत से बीजेपी के पीछे मजबूती से खड़े रहे हैं. शहर में दो प्रमुख सीट मणिनगर और घाटलोडिया हैं. मणिनगर सीट से 2002 से 2014 तक मोदी विधायक रहे थे. जबकि, पाटीदार समुदाय के प्रभुत्व वाली घाटलोडिया सीट से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल विधायक हैं. इससे पहले, इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल विधायक थीं. साल 2015 में हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बावजूद 2017 में भूपेंद्र पटेल ने 1.17 लाख वोट के भारी अंतर से जीत हासिल की थी. बीजेपी ने दोबारा सत्ता में आने पर पटेल को ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाने की घोषणा की है.

जानिए क्या है सियासी समीकरण

कांग्रेस ने घाटलोडिया से अपने राज्यसभा सदस्य डॉक्टर अमी याज्ञनिक को मैदान में उतारा है. मणिनगर निर्वाचन क्षेत्र को शहर की सबसे चर्चित सीट और बीजेपी का गढ़ कहा जा सकता है. एक ओर जमालपुर-खड़िया व दरियापुर सीट पर मुसलमानों का प्रभाव है, तो दूसरी ओर कम से कम छह अन्य सीट-घाटलोडिया, ठक्करबापा नगर, साबरमती, मणिनगर, निकोल और नरोदा में पाटीदार समुदाय के मतदाताओं की बड़ी संख्या है. वेजलपुर और दानिलिमदा (सुरक्षित) सीट पर भी मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है. साल 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को 14 सीट मिलीं थीं और कांग्रेस को दो सीट दरियापुर व दानिलिमदा में जीत हासिल हुई थी. साल 2017 में कांग्रेस ने प्रदर्शन में सुधार कर चार सीट बापूनगर, जमालपुर-खड़िया, दरियापुर और दानिलिमदा सीट पर जीत हासिल की थी.

AAP ने शहर की सभी 16 सीट पर खड़े किए अपने उम्मीदवार

असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने इन 4 और वेजलपुर सीट पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी. लेकिन, बापूनगर सीट से पार्टी के उम्मीदवार शाहनवाज पठान ने जाहिर तौर पर कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में अपना नामांकन वापस ले लिया. वहीं, इस बार के चुनाव में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP ने शहर की सभी 16 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

बापूनगर सीट जीत सकती है बीजेपी

साल 2017 में बापूनगर में कांग्रेस के हिम्मतसिंह पटेल ने बीजेपी विधायक जगरूपसिंह राजपूत को लगभग 3000 मतों के मामूली अंतर से हराया था. राजनीतिक विश्लेषक दिलीप गोहिल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि हालांकि, एआईएमआईएम के उम्मीदवार ने हिम्मतसिंह पटेल के पक्ष में अपना नामांकन वापस ले लिया है. लेकिन, संभावना है कि कांग्रेस के मतों के संभावित विभाजन के कारण इस बार बीजेपी फिर से सीट जीत सकती है. उन्होंने कहा कि भले ही एआईएमआईएम मैदान में नहीं ह‍ो, लेकिन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अल्ताफ खान पठान मुस्लिम मतों के विभाजन के माध्यम से हिम्मतसिंह पटेल का खेल बिगाड़ सकते हैं और अंततः बीजेपी यह सीट जीत सकती है.

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