Nobel Prize 2020 : स्वीडिश एकेडमी ने इस वर्ष केमेस्ट्री के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दो महिला वैज्ञानिकों इमैनुएल चार्पियर ( Emmanuelle Charpentier) और जेनिफर ए डूडना (Jennifer A. Doudna) को नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की है. इन दोनों ने जीन प्रौद्योगिकी के सबसे तेज उपकरणों की खोज की है.
इन दोनों महिल वैज्ञानिकों ने आनुवंशिक कैंची ( CRISPR/Cas9 genetic scissors) का निर्माण किया है, जिसके जरिये शोधकर्ता जानवरों, पौधों और सूक्ष्मजीवों के डीएनए में बदलाव कर सकते हैं.इस तकनीक ने जीव विज्ञान पर एक क्रांतिकारी प्रभाव डाला है. इस तकनीक के प्रयोग से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के उपचार में मदद मिल रही है. साथ ही जीन आधारित बीमारियों को ठीक करने में भी यह तकनीत काफी कारगर साबित हो रहा है.
Emmanuelle Charpentier, awarded this year’s Chemistry Prize, was born in 1968 in Juvisy-sur-Orge, France.
She is Director of the Max Planck Unit for the Science of Pathogens, Berlin, Germany.https://t.co/We8u3YEtXEhttps://t.co/RoRDbHAOHx#NobelPrize pic.twitter.com/oM2oswF1Ca
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2020
This year’s Chemistry Laureate Jennifer A. Doudna was born in 1964 in Washington, D.C, USA.
She is a Professor at @UCBerkeley, USA and Investigator at @HHMINEWS.https://t.co/GMyJGnBMlThttps://t.co/CtXW7pRzop#NobelPrize pic.twitter.com/FK2tMfunW1
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2020
जेनेटिक सीजर के प्रयोग से वैज्ञानिकों का काम काफी आसान हुआ है और इससे जीवन के कोड को बदलना भी संभव हुआ है. नोबेल पुरस्कार पाने वाली Emmanuelle Charpentier अमेरिका के वांशिगटन की हैं जहां वे प्रोफेसर हैं जबकि Jennifer A. Doudna फ्रांस की हैं, लेकिन अभी जर्मनी के बर्लिन में प्रोफेसर हैं.
Posted By : Rajneesh Anand