इस साल का बजट देश में आर्थिक सुधार के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन सकता है. इस बार बजट ऐसे समय में पेश होने जा रहा है, जब कोरोना वायरस महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक गिरावट आयी है. कई लोग नौकरी गंवा चुके है. नये रोजगार के अवसर कम दिख रहे हैं.
ऐसे में बजट में सरकार का फोकस अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और महामारी के कारण जो मांग में कमी आयी है उसे बेहतर करने के लिए किये जाने वाले उपायों पर रहेगा. इसमें रोजगार देने वाले सेक्टर्स पर सरकार का विशेष फोकस रह सकता है. ब्रोकरेज हाउस शेरखान का मानना है कि इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर और एमएसएमइ सेक्टर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. बजट में सरकार का इन दो सेक्टर पर खास फोकस रहने वाला है.
पीएलआइ स्कीम को लेकर हो सकती है घोषणा : ब्रोकरेज हाउस के अनुसार सरकार बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर खर्च ज्यादा कर सकती है. प्रॉडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआइ) योजना को लेकर भी कुछ और एलान हो सकते हैं. इससे भी घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही घरेलू इकाइयों में निर्मित उत्पादों से बढ़ती बिक्री पर कंपनियों को प्रोत्साहन भी मिलेगा. इसके अलावा एमएसएमइ सेक्टर के लिए भी कुछ एलान हो सकते हैं. रेलवे, कंस्ट्रक्शन, रियल एस्टेट भी फोकस में रहने वाले हैं.
हेल्थकेयर सेक्टर के लिए अलग से पैकेज की जरूरत : कोरोना महामारी के कारण बेरोजगारी के दर्द को कम करने के लिए बजट में सरकार ऐसे सेक्टर्स में निवेश पर फोकस कर सकती है, जिनसे ज्यादा रोजगार आता है. इनमें टेक्सिटाइल, कंस्ट्रक्शन, एमएसएमइ और अफोर्डेबल हाउसिंग शामिल हैं.
इसके अलावा हेल्थ केयर के लिए एक अलग पैकेज की जरूरत है. सीएमआइइ के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में दिसंबर में, 38.7 मिलियन बेरोजगार थे. पीएमआइ के सर्वेक्षणों ने बताया है कि सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स दोनों में बड़े स्तर पर नौकरी गयी हैं.
कुछ रिफॉर्म की भी होगी जरूरत : ब्रोकरेज हाउस के अनुसार कुछ रिफॉर्म कैपिटल मार्केट को बूस्ट दे सकते हैं. इनमें लेबर लॉ और जूडिशियल रिफॉर्म हैं. इसके अलावा सरकार को अगले कई साल के लिए एक ऐसा रोडमैप बजट में बताना चाहिए, जिससे इकोनॉमी को सपोर्ट मिलता रहे. जीडीपी को बूस्ट देने के लिए ऐसी कुछ पॉलिसी सामने आनी चाहिए.
Posted by: Pritish Sahay